
नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एक बार फिर विवादों में है। कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने संदिग्ध वित्तीय लेन-देन को लेकर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, संघीय आर्थिक खुफिया शाखा ने पतंजलि के कुछ लेन-देन को “असामान्य और संदिग्ध” पाया है। इसके बाद मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस जारी किया है।
- फिलहाल जांच प्रारंभिक चरण में है।
- कंपनी को दो महीने का समय दिया गया है, जिसमें उसे अपना जवाब दाखिल करना है।
- जांच में कॉरपोरेट गवर्नेंस के उल्लंघन और धन के दुरुपयोग की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।
पहले भी विवादों में रही है कंपनी
यह कोई पहली बार नहीं है जब पतंजलि को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ा हो:
- एक यूनिट को कर अधिकारियों से नोटिस मिल चुका है।
- सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन और झूठे इलाज के दावों को लेकर फटकार लगाई थी।
- हाल में “शरबत जिहाद” मामले को लेकर भी बाबा रामदेव को कोर्ट में घेरा गया।
अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
न तो कॉरपोरेट मंत्रालय और न ही पतंजलि की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है।
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