दिल्ली मेट्रो में यात्री को मिला कंडोम का डिब्बा, मच गया हड़कंप

दिल्ली मेट्रो में रोजाना यात्री खोए हुए फोन, लैपटॉप या सोते हुए लोगों को देखकर आमतौर पर हम आश्चर्यचकित हो जाते हैं, लेकिन हाल ही में एक यात्री द्वारा साझा की गई तस्वीर ने सभी को हैरान कर दिया है। इस तस्वीर में दिल्ली मेट्रो के स्टेशन के गेट के पीछे एक बड़ा डिब्बा नजर आ रहा है, जिसमें निरोध (कंडोम) का बड़ा डिब्बा रखा हुआ है। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें उस डिब्बे के साथ कई पैकेट भी दिखाए गए हैं। एक यूजर के अनुसार, उस बॉक्स में से केवल तीन पैकेट ही खुले थे।

यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। कई लोगों ने दिल्ली मेट्रो की जनस्वास्थ्य पहल को याद किया, जिसमें कंडोम वितरित किए जाते हैं। वहीं, कुछ मजेदार कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं। एक यूजर ने कहा, “मैंने सुना था कि ये सार्वजनिक स्थानों पर मिलते हैं, लेकिन इस डिब्बे को देखकर तो सबको आश्चर्य हुआ।” दूसरे ने मजाक में कहा, “लोगों ने शायद सोचा होगा कि ये पॉप-पॉप पटाखे हैं।” एक मेडिकल स्टूडेंट ने लिखा, “मुझे गर्भनिरोधक की क्लास में इनके बारे में पढ़ने का मौका मिला था। यह देश के स्वास्थ्य प्रयासों का अच्छा हिस्सा है।”

कुछ यूजर्स ने पूछा कि क्या लोग अभी भी इनका इस्तेमाल करते हैं, तो किसी ने मजाक में कहा, “शायद किसी ने बर्थडे पार्टी के लिए गुब्बारे खोल दिए हैं।” एक अन्य ने कहा, “अगर ये न होते, तो हमारी आबादी दोगुनी हो जाती।”

किसी ने पूछा कि यह डिब्बा किस मेट्रो स्टेशन पर मिला, तो दूसरे ने बताया कि ये सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मुफ्त में या बहुत ही सस्ते में मिलते हैं। वहीं, एक यूजर ने हँसी-मज़ाक में कहा कि अक्सर कंडोम फटने का कारण प्रोडक्ट की खराबी नहीं, बल्कि यूजर की गलती होती है।

निरोधक (कंडोम) 1960 के दशक में गर्भनिरोध और यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए विकसित किए गए थे। इन्हें सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है, खासकर एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए संचालित ICTC और ART केंद्रों के माध्यम से।

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