
Sansad Winter Session : संसद में विकसित भारत जी राम जी बिल पर चर्चा की शुरुआत हो चुकी है। इस महत्वपूर्ण विधेयक पर बुधवार से ही देश की राजधानी में बहस जारी है, जहां विपक्षी सदस्यों ने बिल को लेकर अपनी आपत्तियों दर्ज कराते हुए इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (जेपीसी) को भेजने की मांग की है। लोकसभा में इस बिल पर लंबी चर्चा के बाद गुरुवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में जवाब दे रहे हैं।
इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और बिल का विरोध किया। शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि उनके पास इस बिल का जवाब देने का अधिकार है और उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बोलने से रोका जाना एक तरह की हिंसा है, जो बापू महात्मा गांधी के सिद्धांतों के बिल्कुल मेल नहीं खाता।
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने इस बिल की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि इतने व्यापक और अहम प्रभाव वाले विधेयक पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए, ताकि सभी पक्षों की राय शामिल की जा सके। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार बिना व्यापक चर्चा के इस बिल को जल्दबाजी में पारित कराना चाहती है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (जेपीसी) को भेजने की भी मांग की, लेकिन स्पीकर ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया।
गुरुवार को संसद का मानसून सत्र का 14वां दिन है। माना जा रहा है कि आज ही यह विधेयक लोकसभा से पारित हो सकता है। बुधवार देर रात तक सदन में इस पर चर्चा चली, जिसमें विपक्षी सदस्यों ने अपने विरोध के स्वर को जोरदार तरीके से व्यक्त किया।
विपक्ष का आरोप है कि इस विधेयक में प्रदेशों पर अतिरिक्त बोझ डाला गया है और खेती के सीजन में 60 दिनों तक काम न देने का प्रावधान मजदूर विरोधी है। इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनकर विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार सुबह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना भी दिया।
लोकसभा में इस बिल के पारित होने के बाद, संभावना है कि इसे आज ही राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अब देखना है कि सदन में इस विधेयक पर आखिरकार क्या निर्णय लिया जाता है। विपक्ष का कहना है कि बिल का विरोध जारी रहेगा और वह इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाता रहेगा, जबकि सरकार का दावा है कि यह बिल देश के विकास और समाज के हित में है।
यह भी पढ़े : किराया मांग लिया तो मालकिन की कर दी हत्या, शव के टुकड़े किए फिर सूटकेस में भरकर बेड के नीचे छिपाया















