परीक्षा पे चर्चा 2025: पंजीकरण प्रक्रिया जोरों पर, 14 जनवरी तक खुलेगी माईगॉव पोर्टल

विद्यार्थियों के परीक्षा से जुड़े तनाव को उत्सव के माहौल में बदलने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी)-2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जोरों पर है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 2.79 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों ने पंजीकरण कर इसे राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप दे दिया है।

शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रमुख पहल परीक्षा पे चर्चा परीक्षा से जुड़े तनाव को उत्सव में बदलने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में आगे बढ़ रही है। पीपीसी के 8वें संस्करण ने भारत और विदेशों के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से 2.79 करोड़ से अधिक पंजीकरण के साथ एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। यह उल्लेखनीय प्रतिक्रिया एक सच्चे जन आंदोलन के रूप में कार्यक्रम की बढ़ती प्रतिध्वनि को रेखांकित करती है।

पीपीसी-2025 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण माईगॉव पोर्टल पर गत वर्ष 14 दिसंबर को शुरू हुआ था। यह पोर्टल 14 जनवरी तक खुला है। कार्यक्रम की अपार लोकप्रियता छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को संबोधित करने और परीक्षाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में इसकी सफलता को उजागर करती है।

शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला यह इंटरैक्टिव कार्यक्रम शिक्षा का एक बहुप्रतीक्षित उत्सव बन गया है। 2024 में पीपीसी का 7वां संस्करण दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में टाउन हॉल प्रारूप में आयोजित किया गया था। पिछले साल करीब 2.26 करोड़ विद्यार्थियों, अभिभावक और शिक्षकों ने पंजीकरण कराया था। यह देशभर में विद्यार्थियों के बीच कार्यक्रम के व्यापक उत्साह को दर्शाता है।

पीपीसी की भावना के अनुरूप, 12 जनवरी (राष्ट्रीय युवा दिवस) से 23 जनवरी (नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती) तक स्कूल स्तर पर कई आकर्षक गतिविधियों की शृंखला निर्धारित की गई है। इन गतिविधियों का उद्देश्य समग्र विकास को बढ़ावा देना और छात्रों को परीक्षाओं को उत्सव के रूप में मनाने के लिए प्रेरित करना है।

इन गतिविधियों में स्वदेशी खेल सत्र, मैराथन दौड़, मीम प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, योग-सह-ध्यान सत्र, पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिताएं, प्रेरणादायक फिल्म स्क्रीनिंग, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाएं और परामर्श सत्र, कविता, गीत और प्रदर्शन शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से पीपीसी 2025 सीखने में लचीलापन, सकारात्मकता और खुशी के अपने संदेश को पुष्ट करता है, यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा को दबाव-चालित कार्य के बजाय एक यात्रा के रूप में मनाया जाए।

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