
बच्चों का मन बेहद नाजुक होता है। अगर माता-पिता प्यार और सहानुभूति से बात करते हैं, तो बच्चे हमेशा खुश और आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। लेकिन अगर बच्चों के साथ लगातार डांट-डंपट या नकारात्मक बातें की जाएं, तो यह उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सोरोजित गुप्ता के अनुसार, माता-पिता का नकारात्मक व्यवहार बच्चों की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। तो चलिए, जानते हैं वो 6 गलतियाँ जिन्हें माता-पिता को तुरंत सुधारने की आवश्यकता है:
1. हर बात पर गलती निकालना
अगर हर छोटी बात पर बच्चों की गलती निकाली जाती है, तो इससे उनका सेल्फ-कॉन्फिडेंस कम हो सकता है। बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करें और उनकी तारीफ करें। इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है और वो अपनी गलतियों से सीखते हैं।
2. हर चीज को माइक्रो-मैनिज करना
बच्चों को अगर हर समय कंट्रोल किया जाए, तो उनकी स्वतंत्र सोच और नई चीजें सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। बच्चों को खुद से नई चीजें एक्सप्लोर करने दें और उनके ऊपर भरोसा रखें। उन्हें अपने निर्णय लेने का अवसर दें ताकि वो अपनी क्षमता को पहचान सकें।
3. दूसरों से तुलना करना
पैरेंट्स की अक्सर आदत होती है कि वे अपने बच्चे की दूसरों से तुलना करते हैं, जैसे “देखो, तुम्हारा भाई तुमसे कितने अच्छे अंक लाता है!” लेकिन यह बच्चे के आत्मविश्वास पर नकारात्मक असर डाल सकता है। हर बच्चा यूनिक होता है और उनके व्यक्तित्व का सम्मान किया जाना चाहिए।
4. बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट होना
पैरेंट्स का बहुत सख्त होना बच्चे के लिए मानसिक तनाव पैदा कर सकता है। बच्चों को डिसिप्लिन सिखाना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पेनिश किया जाए। बच्चों को प्यार से समझाना, नियमों को सहज तरीके से बताना अधिक प्रभावी होता है।
5. हर चीज में प्रेशर डालना
चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि बच्चों पर हर चीज में प्रेशर डालना, जैसे कि अच्छे मार्क्स लाने के लिए या स्पोर्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए, बच्चे को तनावग्रस्त कर सकता है। बच्चों को अचीवमेंट्स पर फोकस करना चाहिए, लेकिन उन पर दबाव नहीं डालना चाहिए।
6. अपनी गलतियां न मानना
अक्सर माता-पिता अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते, लेकिन यह बच्चों के लिए गलत संदेश भेजता है। अगर कभी गुस्से में आकर कुछ ऐसा बोल दिया जाए जिससे बच्चे को चोट पहुंची हो, तो सॉरी कहने में कोई बुराई नहीं है। माता-पिता को अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए, ताकि बच्चे भी सीख सकें कि गलती स्वीकारना और माफी मांगना कितना महत्वपूर्ण है।