
Bihar Chunav 2025 : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महत्वपूर्ण कदम के बीच, प्रदेश में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने इस मामले में अपना अलग रुख अपनाते हुए जनता को सतर्क रहने का संदेश दिया है।
बिहार में चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही, सांसद पप्पू यादव ने जनता से अपील की है कि वे वोटर लिस्ट से संबंधित किसी भी जानकारी को साझा न करें। उन्होंने यह भी कहा है कि चुनाव के दौरान बीएलओ या अन्य चुनाव कर्मियों को गांव में घुसने से रोका जाए। उनका तर्क है कि इससे मतदाता की जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है और चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
पप्पू यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है। उनके इस कदम को राजनीतिक हलकों में नकारात्मक दृष्टि से देखा जा रहा है, क्योंकि इससे मतदाता सूची से जुड़ी जानकारी को लेकर संशय की स्थिति बन सकती है।
इस मामले में, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने भी जनता से आग्रह किया है कि वोटर लिस्ट के विषय में जानकारी लेने वाले चुनाव कर्मियों को गांव में घुसने से रोका जाए। इससे यह संकेत मिलता है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का एक रुख है कि मतदाता की गोपनीयता और चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
बिहार में चुनावी प्रक्रिया के दौरान मतदाता की जानकारी को लेकर इस तरह के बयान और अपीलें चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर संदेह पैदा कर सकती हैं। चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर कहा है कि वे वोटर लिस्ट की सुरक्षा और स्पष्टता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं, राजनीतिक दलों के इस तरह के कदम मतदाता के अधिकार और चुनावी प्रक्रिया पर नए सवाल खड़े कर सकते हैं। अब देखना होगा कि इस विवादित मुद्दे पर चुनाव आयोग का क्या रुख रहता है और मतदाता जागरूकता का स्तर कितना प्रभावित होता है।