‘पापा के पास काम नहीं, हमारे पास खाना नहीं’….परिवार की बेटी ने बयां की दर्द भरी दासतां

लखीमपुर खीरी। कभी-कभी सोशल मीडिया की एक पोस्ट पूरे समाज की संवेदनाओं को झकझोर देती है। लखीमपुर खीरी के कस्बा खीरी के मोहल्ला हनिया टोला से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहाँ एक दलित परिवार भूख, गरीबी और उपेक्षा की मार झेल रहा है। इस परिवार की बड़ी बेटी सोनी ने अपनी दर्द भरी कहानी सोशल मीडिया पर साझा की, जो देखते ही देखते वायरल हो गई।

सोनी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनके घर में बीते दो दिनों से चूल्हा नहीं जला। उनके पिता पत्ते बेचकर जैसे-तैसे परिवार का गुज़ारा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इतनी मामूली आमदनी से दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं हो पा रही है। परिवार में तीन बेटियाँ और दो छोटे भाई हैं, जिनमें से दोनों भाई जन्म से ही नेत्रहीन हैं। मां का देहांत पहले ही हो चुका है और अब पिता की कमाई से घर चलाना नामुमकिन सा हो गया है।

सोनी ने पोस्ट में यह भी बताया कि परिवार के पास न आधार कार्ड है और न ही राशन कार्ड। जिसकी वजह से उन्हें न कोई सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है और न ही कोई मददगार हाथ सामने आ रहा है। इलाज के अभाव में नेत्रहीन छोटे भाई दिन-ब-दिन और भी ज्यादा परेशानी में हैं।

सोनी की अपील से उठे सवाल — सरकारी सिस्टम पर लग रहा सवालिया निशान

सोनी की यह वायरल पोस्ट न सिर्फ लखीमपुर खीरी प्रशासन बल्कि पूरे समाज और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करती है। यह घटना इस बात की कड़ी याद दिलाती है कि आज भी देश के किसी कोने में भूख से जूझते मासूमों की आवाज़ न तो सरकारी दफ्तरों तक पहुँचती है और न ही योजनाओं की फाइलों से निकलकर उनके जीवन में राहत ला पाती है।

अब देखना यह होगा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस मासूम बेटी की पुकार कब प्रशासन की नींद तोड़ पाएगी।

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