बाजार में हाहाकार : कौन होंगे ट्रंप के टैरिफ वार के शिकार? सोमवार को उठेगा परदा…इन देशों पर मंडराया खतरा

वॉशिंगटन:  अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप सोमवार को दुनिया के 12 देशों पर टैरिफ बम फोड़ने की तैयारी कर चुके हैं.  उन्‍होंने ऐलान किया है कि करीब एक दर्जन  देशों के लिए ट्रेड लेटर्स पर उन्‍होंने साइन कर दिया है. अगले हफ्ते इन चिट्ठियों को भेजा जाएगा. ट्रंप की 90 दिनों की डेडलाइन 9 जुलाई को खत्‍म हो रही है. अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि कौन-कौन से देश इस बार ट्रंप के टैरिफ का शिकार होते हैं और कौन से बच जाते हैं. 

ट्रंप ने दिया अल्‍टीमेटम 

न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंन ने ऐलान कर दिया है कि अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामानों पर टैरिफ के स्तर को इससे जुड़े देशों को बता दिया गया है. ट्रंप इन लेटर्स को ‘take it or leave it’ वाले अल्‍टीमेटम के साथ भेजेंगे. ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले ताइवान से लेकर यूरोपियन यूनियन (ईयू) तक दर्जनों अर्थव्यवस्थाओं पर भारी कर लागू करने की तैयारी पहले ही की जा चुकी है.

ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि कर की दर 10 से 70 प्रतिशत के बीच होगी. न्यू जर्सी जाते समय एयरफोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने उन देशों का नाम बताने से इनकार कर दिया जिन्‍हें यह ट्रेड लेटर्स भेजे जाएंगे. उन्‍होंने बस इतना ही कहा कि जानकारी सोमवार को सार्वजनिक कर दी जाएगी. 

 अप्रैल में किया था पहला ऐलान 

ग्‍लोबल ट्रेड वॉर के बीच ही ट्रंप ने अप्रैल में 10 प्रतिशत आधार टैरिफ दर और अधिकांश देशों के लिए अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की थी जिनमें से कुछ तो 50 प्रतिशत तक थे. हालांकि, 10 प्रतिशत बेस से ज्‍यादा सभी टैरिफ को बाद में बातचीत के लिए समय देने के लिए 90 दिनों के लिए सस्‍पेंड कर दिया गया था. अब सस्‍पेंशन की यह समयसीमा 9 जुलाई को खत्‍म हो रही है. बताया जा रहा है कि अधिकांश मामलों में टैरिफ के 1 अगस्‍त से प्रभाव‍ी होने की उम्‍मीद है. ट्रंप की मानें तो स्‍थानीय समयानुसार सोमवार दोपहर 12 बजे तक इस बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. ऐसे में यह राज सोमवार को ही खुल पाएगा कि आखिर ट्रंप ने किन देशों को टैरिफ के लिए चुना है. 

क्‍या भारत पर भी लगेगा टैरिफ 

भारत के साथ अभी तक कोई भी समझौता नहीं हो पाया है. वहीं  यूरोपियन यूनियन (ईयू)  के राजनयिकों ने कहा है कि वो ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत में किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं. अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 फीसदी पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है. लेकिन अभी तक ट्रेड डील पर अनिश्चितता बनी हुई है. ट्रंप ने यह ऐलान कर दिया है कि जिन देशों ने पहले ही ट्रेड लेटर्स पर साइन किया है, उन्‍हें हर हाल में टैरिफ चुकाना होगा. ट्रेड एग्रीमेंट में जहां भारत अपने लिए टेक्‍स्‍टाइल, चमड़ा और जूते के लिए ज्‍यादा बाजार पहुंच की मांग कर रहा है. वहीं अमेरिका भारत के कृषि और डेयरी बाजारों तक पहुंच के लिए दबाव बना रहा है.  

सिर्फ ब्रिटेन को मिली सफलता 

अब तक सिर्फ ब्रिटेन की अकेला ऐसा देश है जिसने अमेरिका के साथ अंतिम पलों में समझौतों को मंजिल तक पहुंचाने में सफलता हासिल हुई है. ब्रिटेन ने मई में 10 प्रतिशत की दर बनाए रखने के लिए एक समझौता हासिल किया. वहीं उसे ऑटो और एयरक्राफ्ट इंजन के लिए प्राथमिकता के आधार पर शर्तें हासिल कीं. जबकि वियतनाम में कई निर्यातों पर टैरिफ पहले की धमकी वाले 46 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया जाएगा. वहीं कई अमेरिकी सामान वियतनाम में ड्यूटी फ्री होंगे. 

जापान और ईयू हैं मुसीबत 

ट्रंप और उनके वरिष्‍ठ सहयोगियों की तरफ से कहा गया था कि कई देशों के साथ टैरिफ दरों पर बातचीत होगी. लेकिन जापान और यूरोपियन यूनियन (ईयू) जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ बार-बार कठिनाइयों के बाद राष्‍ट्रपति उनके नजरिए से निराश हैं.

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