
शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच जारी टकराव के बीच सरकार ने पंचायती राज चुनाव तृतीय संशोधन नियम 2025 को अधिसूचित कर दिया है। इस संशोधन के तहत जनसंख्या के साथ-साथ भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक सहूलियत और आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डीसी और एसडीएम जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं बदल सकते हैं।
सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को इस संशोधन का मसौदा प्रकाशित कर आपत्तियां और सुझाव मांगे थे, लेकिन कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। यह संशोधन प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होने की शर्त पर लागू होगा। सचिव पंचायती राज सी. पाल रासु ने कहा कि नियम में केवल मामूली संशोधन किया गया है और निर्वाचन आयोग के आदेशों के बाद इसे लागू नहीं किया जा सकता।
उधर, मतदाता सूचियों की छपाई का काम भी रुक गया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों ने डाटा उपलब्ध न करवाने के कारण मुद्रण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। रोस्टर जारी होने से पहले सूचियों को पंचायतों में भेजना आवश्यक है, लेकिन निर्वाचन आयोग के आदेशों के बीच अधिकारी असमंजस में हैं।
हालांकि सरकार ने डिजास्टर एक्ट लागू किया है, वहीं आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों, बैलेट पेपर और अन्य चुनावी सामग्री के उठाने के आदेश दिए हैं। इन हालात में दो उपायुक्तों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। आयोग पंचायतों के पुनर्गठन पर लगी रोक को हटाने के लिए तैयार नहीं है, जबकि सरकार ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के क्लॉज 12.1 को हटाने का आग्रह किया है।










