
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ती जा रही है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हमले के बाद से ही पाकिस्तान पर भारत की संभावित कार्रवाई का डर इस कदर हावी है कि वह नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से लगातार गोलीबारी कर रहा है। बीते आठ दिनों से पाकिस्तान ने हर रोज सीजफायर का उल्लंघन किया है, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार संयमित और सटीक जवाब देकर उसकी साजिशों को नाकाम कर दिया।
बिना उकसावे के फायरिंग, भारतीय सेना का करारा जवाब
भारतीय सेना के मुताबिक, 2 मई की रात को पाकिस्तान ने कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, नौशेरा और अखनूर सेक्टरों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की। इससे पहले 30 अप्रैल और 1 मई की रात को भी पाकिस्तान की चौकियों से गोलीबारी की गई थी। 29-30 अप्रैल को नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ था।
अब यह गोलीबारी केवल नियंत्रण रेखा तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा तक फैल चुकी है। 28-29 अप्रैल की रात कुपवाड़ा, बारामुल्ला और अखनूर सेक्टरों में भी फायरिंग हुई थी। इससे एक दिन पहले 27-28 अप्रैल को भी कुपवाड़ा और पुंछ के इलाकों में पाकिस्तानी सेना ने अकारण फायरिंग की थी।
भारत की सख्ती से घबराया पाकिस्तान
पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान बुरी तरह से घबराया हुआ है। भारत की जवाबी कार्रवाई की आशंका ने उसकी नींद उड़ा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत इस बार बालाकोट और पुलवामा से भी बड़ी जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है। यही डर पाकिस्तान को बार-बार उकसावे की कोशिश करने पर मजबूर कर रहा है।
भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी कड़ा रुख अपनाया है। हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने कई कड़े फैसले लिए। 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। अटारी बॉर्डर पर एकीकृत चेक पोस्ट को बंद किया गया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए। भारत में मौजूद पाक नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया।
पीएम मोदी की सख्त चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पहलगाम हमले को लेकर गहरा दुख जताते हुए कहा कि देश इस समय बेहद आहत है, लेकिन हमारी इच्छाशक्ति अडिग है। उन्होंने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें उनके अपराध की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि पीड़ित परिवारों को पूरा न्याय मिलेगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कश्मीर में शांति लौट रही थी, पर्यटन बढ़ रहा था, लोगों की आमदनी बढ़ रही थी, लेकिन आतंकियों और उनके सरपरस्तों को ये रास नहीं आया। अब वक्त आ गया है कि पूरे देश की एकता और संकल्प के साथ इस आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए।
वैश्विक समर्थन भी भारत के साथ
इस जघन्य हमले के बाद कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भारत के प्रति संवेदना जताई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एक स्वर में इस हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन देने की बात कही है।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब न सिर्फ आतंकी संगठनों, बल्कि उनके सरपरस्तों को भी जवाब मिलेगा — और ऐसा जवाब जो वे कभी भूल नहीं पाएंगे।