
Indus Water Treaty : साल 1960 से जारी भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि खत्म होने के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने अब धमकी दी है कि सिंधु जल संधि के मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा। पाकिस्तान अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर न्याय का सहारा लेने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तान के कानून और न्याय राज्य मंत्री, अकील मलिक ने कहा है कि पाकिस्तान वर्तमान स्थिति के समाधान के लिए तीन संभावित विकल्पों पर विचार कर रहा है। इनमें से एक अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मामला उठाना है। पाक का आरोप है कि भारत ने 1969 के वियाना कन्वेंशन का उल्लंघन कर सिंधु जल संधि के नियमों की अवहेलना की है। इसके अलावा, पाकिस्तान विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह प्रयास विफल हो सकता है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में क्षेत्राधिकार की अनुमति राज्यों की सहमति पर निर्भर करती है। भारत ने 27 सितंबर 2019 को ICJ के क्षेत्राधिकार को सीमित करने वाली एक घोषणा पेश की थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि ICJ का क्षेत्राधिकार उन मामलों पर लागू नहीं होगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मरक्षा या सशस्त्र संघर्ष से संबंधित हैं।