Pakistan Violence in Sindh : आखिर क्यों भड़के लोग, गृह मंत्री का घर कैसे बना निशाना? जानिए पूरी कहानी

पाकिस्तान में इन दिनों हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। बलूचिस्तान के बाद अब सिंध प्रांत भी भारी विरोध और हिंसा की चपेट में आ चुका है। भारत के साथ चल रहे सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान की घरेलू राजनीति और समाज में असंतोष चरम पर पहुंचता दिख रहा है। सिंध में भड़की इस हिंसा की जड़ में है एक विवादित नहर परियोजना, जिसने लोगों को सड़कों पर ला खड़ा किया। प्रदर्शन अब उग्र रूप ले चुका है और गृह मंत्री का घर भी इसकी चपेट में आ गया।

1. गृह मंत्री का घर फूंका, पुलिस-प्रदर्शनकारियों में खूनी झड़प

सिंध प्रांत के नौशेहरो फिरोज जिले में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हो गए — जिनमें 6 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इसके बाद हिंसा और भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के घर को आग के हवाले कर दिया और जमकर लूटपाट की।

2. सिंधु नदी पर नहर योजना बना विवाद की जड़

हिंसा की वजह है सिंधु नदी पर प्रस्तावित चोलिस्तान कैनल सिस्टम — एक ऐसी योजना जिसके जरिए सिंधु नदी से नहरों द्वारा चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई की जाएगी।
इस परियोजना को लेकर सिंध के लोग और स्थानीय सरकार नाराज हैं। उनका कहना है कि इस योजना से उनका पानी और ज़मीन छीनने की साजिश की जा रही है।

3. सिंध के लोगों का गुस्सा: “हमारा पानी, हमारी जमीन”

प्रदर्शनकारी नारा दे रहे हैं – “हमारे हक़ का पानी वापस दो!”
लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को ब्लॉक कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की, जिससे हिंसा और भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों में आग लगाई, फायरिंग की और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में साफ दिखता है कि कैसे भीड़ खुलेआम हथियारों से फायरिंग कर रही है।

4. 211 अरब रुपए की योजना के खिलाफ बगावत

इस विवादित योजना की लागत लगभग 211.4 अरब रुपए बताई जा रही है। पाकिस्तान की केंद्र सरकार दावा कर रही है कि इससे हजारों एकड़ बंजर ज़मीन उपजाऊ बन जाएगी, लेकिन सिंध के लोग इसे केंद्र की दादागिरी और प्राकृतिक संसाधनों की लूट मानते हैं।
बिलावल भुट्टो ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “आतंकवादी कृत्य” बताया है।

5. राज्य और केंद्र की सरकारें आमने-सामने

पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी और सिंध की स्थानीय सरकार में स्पष्ट टकराव देखने को मिल रहा है।
एक ओर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार चोलिस्तान नहर परियोजना को राष्ट्रहित में बता रही है, वहीं सिंध की पीपीपी सरकार इसे स्थानीय हितों पर हमला बता रही है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि सरकार को स्थानीय नेताओं की सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है और कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएं भी बाधित की गई हैं।

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