
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान की ज़मीन से फलते-फूलते आतंकवाद को जवाब देने के लिए जो रणनीतिक शक्ति दिखाई, उसका सबसे धारदार औज़ार था – ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के ठिकानों पर जो कहर टूटा, उसमें ब्रह्मोस मिसाइल ने निर्णायक भूमिका निभाई। भारत की यह मिसाइल केवल एक हथियार नहीं, बल्कि राष्ट्र की सामरिक इच्छा शक्ति का प्रतीक बन चुकी है।
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल?
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो ज़मीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है। इसे दिन-रात और हर मौसम में उपयोग किया जा सकता है।
यह मिसाइल लक्ष्य को “फायर एंड फॉरगेट” सिद्धांत पर निशाना बनाती है — यानी एक बार लॉन्च करने के बाद इसे किसी और कमांड की आवश्यकता नहीं होती।
ब्रह्मोस क्यों है खास?
- गति: ब्रह्मोस की रफ्तार मैक 3 (ध्वनि की गति से तीन गुना) है, जो इसे रोकना बेहद मुश्किल बनाती है।
- रेंज: मूल वेरिएंट की रेंज 290 किमी थी, लेकिन उन्नत संस्करणों की रेंज अब 500 से 800 किमी तक बढ़ाई जा चुकी है।
- सटीकता: यह 10 मीटर की ऊँचाई से भी लक्ष्य को भेद सकती है, और इसका रडार सिग्नेचर इतना कम है कि इसे पकड़ना लगभग असंभव है।
- पेलोड क्षमता: 200–300 किलोग्राम तक उच्च विस्फोटक ले जाने में सक्षम।
ब्रह्मोस : भारत-रूस की साझेदारी का नतीजा
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत के DRDO और रूस की NPO Mashinostroyenia ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसका नाम भी भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों को जोड़कर रखा गया है – ‘ब्रह्मोस’।
ब्रह्मोस का सेवा में प्रवेश
- 2001: पहला सफल परीक्षण
- 2005: INS राजपूत पर नौसेना में तैनाती
- 2007: थलसेना में शामिल
- वायुसेना: सुखोई-30MKI से एयर लॉन्च वर्जन का परीक्षण
- 2025 तक: दो वर्जन सक्रिय, तीन और उन्नत संस्करण प्रगति पर
कितनी है इसकी लागत?
- शुरुआती निवेश: ₹2,135 करोड़ (भारत का हिस्सा 50.5%)
- प्रोडक्शन यूनिट लागत: ₹300 करोड़
- प्रत्येक मिसाइल की अनुमानित कीमत: ₹34 करोड़
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ब्रह्मोस की भूमिका
जैसा कि लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ज़िक्र किया — ब्रह्मोस की गूंज पाकिस्तान में भी सुनी गई।
ब्रह्मोस ने आतंकवादियों के ठिकानों को सटीकता से ध्वस्त किया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के महत्वपूर्ण ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
“अगर आपने ब्रह्मोस की ताकत नहीं देखी, तो पाकिस्तान वालों से पूछिए। पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जो नीति अपनाई है, वो युद्ध के समान है — अब आतंकवाद को कुचलना ही लक्ष्य है।”