
पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णम साहू को भारत को सौंप दिया है। पीके साहू गलती से वाघा-अटारी बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चले गए थे। मंगलवार को पाकिस्तान ने उन्हें भारत के हवाले किया, और वे अटारी बॉर्डर से वापस लौटे हैं।
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान से भारत लौट आए हैं बीएसएफ के जवान पूर्णम कुमार शॉ। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद, दोनों पक्षों ने अपने-अपने जवानों और रेंजर्स का आदान-प्रदान किया। इस प्रक्रिया में, भारत ने पाकिस्तान से रेंजर्स जवान को भी वापस लिया।
यह अदला-बदली मंगलवार सुबह 10:30 बजे अटारी में आयोजित की गई, जहां दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि यह कदम आपसी समझ और संबंध सुधार के प्रयास के तहत उठाया गया है।
पाकिस्तान ने करीब 21 दिन बाद बीएसएफ के जवान को आज भारतीय सेना के हवाले कर दिया। कई बार की फ्लैग मीटिंग के बाद आज पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान को रिहा करने का फैसला लिया।
पश्चिम बंगाल के रहने वाले जवान पूरनम कुमार शॉ 23 अप्रैल को भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास गश्त के दौरान गलती से सीमा पार कर गए थे। यह घटना पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर के पास हुई थी। वह बीएसएफ की 73वीं बटालियन में तैनात हैं। सीमा पार करते ही पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए अपनी कस्टडी में ले गए। जवान के लापता होने के तुरंत बाद बीएसएफ ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क किया। तब इस बात की पुष्टि हुई कि जवान पाकिस्तान की हिरासत में है।
पूरनम कुमार शॉ की रिहाई के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार फ्लैग मीटिंग भी हुई। एक बैठक में पाकिस्तान का कोई प्रतिनिधि नहीं आया। इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और पाकिस्तान की तरफ से भारी सीमा में गोलाबारी की गई। दोनो देशों के बीच सीज फायर होने के बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं। कई बैठकों तथा भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद बुधवार सुबह अमृतसर स्थित अटारी के संयुक्त चेक पोस्ट के माध्यम से पूरनम कुमार शॉ को भारत के हवाले कर दिया गया।
यह प्रक्रिया शांतिपूर्वक और तय प्रोटोकॉल के तहत पूरी की गई। अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों की सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय के चलते यह संभव हो सका।
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