
Bangladesh Pakistan Relation: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद वह पाकिस्तान के करीब आ रहा था। इससे हमारा पड़ोसी पाक बड़ा खुश हो रहा था कि बांग्लादेश भारत को आंख दिखा रहा है। हालांकि, अब उसके सागिर्द ने ही उसे जोर का झटका दिया है। इससे जरूर उसे मिर्ची लगना वाली है। पाकिस्तान ये सोच रहा था कि बांग्लादेश में सत्ता बदलने के बाद वो भारत से दूरी और उसके साथ दोस्ती बढ़ाएगा। हालांकि, अब बांग्लादेश में पाकिस्तान से 4.3 अरब डॉलर (बांग्लादेशी टका में 52 हजार करोड़ टका जो भारतीय मूल्य में 36 हजार करोड़ होगा) की मांग करते हुए 1971 के नरसंहार के लिए माफी मांगने के लिए कहा है।
15 साल बाद हुई बातचीत में बांग्लादेश ने अब 1971 के मुक्ति युद्ध के जख्मों को कुरेदते हुए पाकिस्तान से औपचारिक माफी और 4.3 अरब डॉलर की मांग रख दी। क्या पाकिस्तान माफी मांगेगा? क्या दोनों देशों की दोस्ती अब भी बरकरार रहेगी?
आसान नहीं होगी दोस्ती की राह
जब से मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभाली है, तब से ढाका अपनी पुरानी नीतियों को बदलने में जुटा है। इसमें पाकिस्तान के साथ रिश्तों (Bangladesh Pakistan Relation) को बेहतर करने की कोशिश भी शामिल है। अब यूनुस सरकार (Yunus Govt) ने साफ कर दिया कि दोस्ती की राह इतनी आसान नहीं होगी। इसके लिए पाकिस्तान को कुछ शर्तें माननी होंगी।
बांग्लादेश की मांग माफी मांगो
17 अप्रैल 2025 को ढाका के पद्मा स्टेट गेस्ट हाउस में 15 साल बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक हुई। बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीम उद्दीन ने पाकिस्तानी विदेश सचिव आमना बलूच के सामने साफ-साफ शब्दों में कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तानी सेना ने जो नरसंहार (1971 Genocide) और अत्याचार किए थे। उसके लिए पाकिस्तान को माफी मांगनी चाहिए।
पुराना हिसाब क्लियर करो
बांग्लादेश ने सिर्फ माफी की बात नहीं की है। उसने बल्कि 1971 से पहले की संयुक्त पाकिस्तान की संपत्तियों में अपने हिस्से का दावा भी ठोक दिया। जसीम उद्दीन ने बताया कि हमने 4.3 अरब डॉलर की मांग रखी है, जो बांग्लादेश का हक है। इसमें 1970 के भोला चक्रवात के लिए मिली 20 करोड़ डॉलर की विदेशी सहायता, बकाया भविष्य निधि, और अन्य योजनाओं का पैसा भी शामिल है।
1971 में पाकिस्तान की थी क्रूरता
1971 में जब बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) ने पाकिस्तान से आजादी की जंग लड़ी तो पाकिस्तानी सेना ने बंगाली लोगों पर कहर बरपाया था। भारत ने इस जंग में बांग्लादेश का साथ दिया और 13 दिन की लड़ाई के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने हथियार डाल दिए। इस जीत ने बांग्लादेश को आजाद कराया, लेकिन पाकिस्तान ने आज तक अपने किए के लिए माफी नहीं मांगी।
बांग्लादेश ने खोले पन्ने पाकिस्तान चुप
बैठक के बाद आमना बलूच ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात की। लेकिन माफी के मुद्दे पर वो चुप रहीं। बलूच ने सिर्फ इतना कहा कि पाकिस्तान भविष्य में इन मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। इस बैठक को पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की 27-28 अप्रैल को होने वाली ढाका यात्रा की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के लिए मुश्किल
बांग्लादेश की इस मांग ने पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है। एक तरफ वो ढाका के साथ रिश्ते (Bangladesh Pakistan Relation) सुधारना चाहता है, दूसरी तरफ माफी का सवाल उसके लिए सियासी चुनौती है। पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाक को IMF ने थोड़ी राहत दी थी। हालांकि, अब बांग्लादेश की ये मांग उसके लिए नई मुसीबत बन सकती है। पिछले साल यूनुस ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से इन मुद्दों को हमेशा के लिए सुलझाने की बात कही थी, लेकिन पाकिस्तान ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।