
Gen Z Protest in Pakistan : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है, जहां जेन जेड की बड़ी संख्या सड़क पर उतरकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रही है। मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय में शुरू हुआ यह प्रदर्शन, जो पहले शांतिपूर्ण था, बाद में हिंसक हो गया। छात्रों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सरकार से कई अहम मांगे की हैं।
दरअसल, यह आंदोलन पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ चला रहा है। मुजफ्फराबाद के विश्वविद्यालय से शुरू हुए इस विरोध की शुरुआत छात्रों द्वारा बढ़ती फीस और बेहतर सुविधाओं की मांग के साथ हुई थी। प्रदर्शन के दौरान, कुछ अज्ञात लोगों की ओर से फायरिंग की खबर भी मिली है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। इस घटना में एक छात्र के घायल होने की सूचना है। इसके बाद गुस्साए छात्रों ने टायर जलाए, कई जगहों पर आगजनी की और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
यह आंदोलन 30 अक्टूबर को आजाद जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय (यूएजेके) से शुरू हुआ, जिसमें करीब 500 जेन जेड छात्र शामिल हुए। छात्रों ने प्रशासन भवन की ओर मार्च किया और नारे लगाए, जैसे “फीस नहीं, आजादी!” उनकी मुख्य मांगों में 40 प्रतिशत फीस वृद्धि को वापस लेने, महंगाई के दौर में छात्रों पर बोझ बन रही फीस में कमी लाने, और प्रभावशाली परिवारों को फायदा पहुंचाने वाली कथित रिग्ड ग्रेडिंग सिस्टम को खत्म करने की है। छात्र कह रहे हैं, “हम सिर्फ शिक्षा के लिए नहीं लड़ रहे, हम अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं।”
प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 20 वर्षीय कंप्यूटर साइंस छात्रा और प्रदर्शन समन्वयक आयशा खान ने कहा, “अभी तनाव और बढ़ेगा। प्रदर्शनकारियों में मजदूर, दुकानदार और महिला समूह भी शामिल हो गए हैं। पंजाब प्रांत से जुड़ी प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक सेना के प्रमुख मुनीर खान की चिंता बढ़ गई है।”
पीओके में आजादी की मांग तेज हो गई है। झंडे लहराए गए, शरीफ के पुतले जलाए गए, और सोशल मीडिया पर #PoKRevolts और #GenZAzadi हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। वीडियो में युवा सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकते नजर आए, जबकि पुलिस ने आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया। एमनेस्टी इंटरनेशनल की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 47 लोग घायल हुए हैं। यह उग्रता पीओके की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दर्शाती है। एक प्रमुख पीओके कार्यकर्ता अमजद यूसुफ ने ट्वीट किया, “अब यह फीस की लड़ाई नहीं, सम्मान की लड़ाई है।” युवा कश्मीर को आजाद करने की भी मांग कर रहे हैं।
शहबाज शरीफ सरकार पहले ही आर्थिक संकट और राजनीतिक कलह से जूझ रही है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने 4 नवंबर को “फीस माफी समिति” की घोषणा की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे केवल दिखावा करार दिया। इस बीच, अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें छात्र नेता भी शामिल हैं।
छात्रों का आरोप है कि आंदोलन को दबाने के लिए दमन का सहारा लिया जा रहा है। शरीफ की प्रमुख सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने आंदोलनकारियों से संवाद करने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने कहा कि पीएमएल-एन के कट्टरपंथी “भारतीय एजेंट” का ताना मारते हैं, इसलिए वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं।















