
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अब नया राग अलापा है। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां मिलकर काम करें तो दक्षिण एशिया में आतंकवाद को कम किया जा सकता है।
पाकिस्तान अब दक्षिण एशिया से आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत-पाकिस्तान खुफिया सहयोग की दुहाई दे रहा है। अमेरिका दौरे पर गए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी का कहना है कि अगर दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां मिलकर काम करें तो आतंकवाद को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल भुट्टो इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। वह भारत के साथ हालिया संघर्ष के बाद समर्थन प्राप्त करने के लिए वैश्विक कूटनीतिक प्रयास के हिस्से के रूप में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डॉन अखबार ने बुधवार को बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिलावल भुट्टो ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगर आईएसआई और रॉ इन ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ बैठकर काम करने के लिए तैयार हों, तो भारत और पाकिस्तान में आतंकवाद में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दक्षिण एशिया में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि हाल ही में हुए संघर्ष विराम के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष का जोखिम कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ गया है।
बिलावल भुट्टो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप और खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व विदेश मंत्री मार्को रुबियो की कोशिशों से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक स्वागत योग्य है, लेकिन यह सिर्फ पहला कदम है और आगे बातचीत जरूरी है।
बिलावल भुट्टो ने कहा कि शांति का रास्ता सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा। उन्होंने
आंतकवाद से निपटने के लिए भारत के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान की इच्छा को दोहराया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान अब भी भारत के साथ सहयोग करना चाहेगा। हम एक बड़ी आबादी का भाग्य आतंकवादियों के हाथों में नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि ये फैसला आतंकवादी नहीं कर सकते कि भारत और पाकिस्तान कब लड़ेंगे।
पीपीपी नेता भुट्टो ने यह भी कहा कि भारत में किसी भी आतंकी हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना अस्वीकार्य है। उन्होंने एक ऐसा मंच बनाने का प्रस्ताव रखा, जहां दोनों देश शिकायतें दर्ज करें, आतंकी घटनाओं की संयुक्त रूप से जांच करें और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकें।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करने के कदम पर भी पाकिस्तान का रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि यह पानी को हथियार बनाने का प्रयास है।
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