
Seema Pal
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने जानकारी दी है कि मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण प्रक्रिया कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही शुरू हुई थी। उन्होंने इस मामले में तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
टिप्पणियों के दौरान चिदंबरम ने केंद्र सरकार की ओर से राणा के सफल प्रत्यर्पण पर भी सराहना की। उन्होंने कहा, “यह प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई और 2011 में इस पर तेजी आई जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने राणा की पहचान की। मैं विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और एनआईए को बधाई देता हूं जो इस कठिन कूटनीतिक लड़ाई में शामिल रहे।”
चिदंबरम का कहना है कि वर्तमान में भी मोदी सरकार में कई मंत्री और विदेश सचिव जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा प्रवक्ताओं को गंभीरता से नहीं लेता और मैं विदेश मंत्रालय या गृह मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा हूं।”
बता दें कि तहव्वुर राणा, जो मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक है, को अमेरिका से भारत लाया गया है। एनआईए ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की हिरासत में लिया है और एजेंसी का संदेह है कि देश के अन्य शहरों में भी उत्पात मचाने के लिए साजिशें रची गई थीं।