भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवारों के पुनर्वासन हेतु बहुविभागीय कैम्प का आयोजन

  • मण्डलायुक्त ने की विभिन्न विभागों की योजनाओं की समीक्षा
  • मण्डलायुक्त ने आधार एवं प्रमाण-पत्र हेतु 3 चरणों में विशेष कैम्प लगाने के दिए निर्देश
  • रोजगार उपलब्ध कराने हेतु विभागों को हुनर आधारित योजनाओं से जोड़ने के निर्देश

लखनऊ। भिक्षावृत्ति एवं बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त परिवारों के पुनर्वासन के दृष्टिगत् विभिन्न विभागों की लाभार्थी परक योजनाओं से लाभान्वित किये जाने तथा स्थानीय स्तर पर सतत रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने संबंध में फैज्जुल्लागंज के अल्लूनगर डिगुरिया में शुक्रवार को डॉ0 रोशन जैकब ने कैम्प के माध्यम से अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई ।
उस दौरान आयोजित कैम्प में महिला कल्याण विभाग, समाज कल्याण, बेसिक शिक्षा, खाद्य एवं रसद, डूडा, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण, श्रम विभाग, राजस्व विभाग के साथ ही सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारी सम्मिलित हुए।

समीक्षा के मध्य यह अवगत कराया गया कि बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से कुल-56 बच्चों का नामांकन विद्यालय में कराया जा चुका है।

और ग्राम घैला, मुतक्कीपुर एवं अल्लूनगर डिगुरिया में कराये गये सर्वे में नए चिन्हित बच्चों का नामांकन आगामी सत्र में पूर्ण कर लिया जायेगा।

महिला कल्याण विभाग ने तीनों ग्रामों में कुल 250 बच्चों को चिन्हित किया है। जिसमें कुल 113 बच्चों का आवेदन-पत्र उनकी पात्रता के अनुसार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना तथा स्पॉन्सरशिप योजना के अन्तर्गत भरवाया जा चुका है।

इसी प्रकार निराश्रित महिला पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र वंचित लाभार्थियों को चिन्हित किया जा चुका है।
जिनकी कुल संख्या 20 है खाद्य एवं रसद विभाग के अन्तर्गत पात्र गृहस्थी से पूर्व में आच्छादित परिवारों के अतिरिक्त नए परिवारों को भी चिन्हित किया गया
है।

मण्डलायुक्त ने रोजगार सुनिश्चित करने के दृष्टिगत नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधीकरण, डूडा, श्रम विभाग तथा उद्योग विभाग को उक्त निर्धारित तिथियों पर कैम्प के माध्यम से ऐसे इच्छुक व्यक्तियों/परिवारों को उनके हुनर, रुचि तथा योग्यता के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़े जाने की कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिया है। इस संबंध में कुछ विशिष्ट क्षेत्र जैसे मोती माला,आर्टिफिशियल ज्वैलरी, बैण्ड, सफाई कर्मी, टेलरिंग, ड्राईविंग, केयर टेकर जैसे रोजगारपरक प्रशिक्षणों से जोड़ते हुए, आत्मनिर्भर बनाने का सुझाव दिया गया। जिससे कि ऐसे भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों एवं परिवारों का स्थायी पुनर्वासन किया जाना संभव हो सके।

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