
New Delhi : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि घुसपैठ के कारण देश में मुस्लिमों की आबादी लगातार बढ़ी है। कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा कि पिछले 11 सालों से उनकी सरकार है, फिर किस पर दोष मढ़ा जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि गृह मंत्री की टिप्पणी का अर्थ है कि उनकी सरकार पिछले 11 सालों से निष्क्रिय रही और उन्होंने स्वीकार कर लिया कि उनकी सरकार ने कोई काम नहीं किया। खेड़ा ने कहा कि शाह ने यह बयान सोच-समझकर दिया है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित किया जा सके।
गृह मंत्री शाह ने बयान दिया था कि 1951 से 2011 तक की जनगणनाओं में सभी धर्मों की आबादी वृद्धि में अंतर मुख्य रूप से घुसपैठ के कारण है। इस दौरान मुस्लिम आबादी 24.6 फीसदी बढ़ी है, जबकि हिंदुओं की आबादी में 4.5 फीसदी कमी आई है। शाह ने कहा कि यह अंतर प्रजनन के कारण नहीं हुआ, बल्कि घुसपैठ की वजह से है, जो मुख्य रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश से हुई।
कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने अमित शाह द्वारा पोस्ट एक्स पोस्ट डिलीट किए जाने पर भी निशाना साधा और कहा कि गृह मंत्री चुनाव से पहले मुसलमानों पर निशाना साधना चाह रहे थे, लेकिन उनका यह दांव उलटा पड़ा क्योंकि उन्हें अपनी पोस्ट हटानी पड़ी। कांग्रेस ने कहा कि सच्चाई किसी के सामने नहीं मिट सकती।
कांग्रेस ने कहा कि 2005-13 के बीच उनकी सरकार ने 88,792 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित किया, जबकि भाजपा ने पिछले 11 सालों में 10,000 से भी कम लोगों को निर्वासित किया। कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार ने बेहतर काम किए, लेकिन इस पर कभी शोर नहीं मचाया गया।
जहां तक ट्वीट डिलीट किए जाने का सवाल है, गृह मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भाषण के लाइव ट्वीट करते समय एक टाइपिंग की गलती हो गई थी, जिसे बाद में ठीक कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 2001 से 2011 के बीच मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर 24.6 फीसदी रही, न कि कुल मुस्लिम जनसंख्या, जैसा गलती से पोस्ट हो गया था। गृह मंत्री ने कहा कि हमारा देश कोई धर्मशाला नहीं है और मोदी सरकार घुसपैठियों को डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है।