गाजियाबाद में 27 लाख की अफीम बरामद, झारखंड से लाई जा रही थी खेप

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड के आदेश के बाद मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह के निर्देशन में एसीपी क्राइम और क्राइम ब्रांच प्रभारी के नेतृत्व में 27 लाख रुपए से अधिक की झारखण्ड से तस्करी कर लाई जा रही 1.166 किलोग्राम अफीम सहित एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि क्राईम ब्रांच पुलिस द्वारा थाना मधुबन बापूधाम क्षेत्र में झारखण्ड से तस्करी कर लाई जा रही 1.166 किलोग्राम अफीम सहित एक तस्कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई है। अफीम तस्कर से बरामद 1.166 किलोग्राम अफीम की कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 27 लाख रूपये बताई जा रही है।


तस्कर से पूछताछ में संतोष यादव ने बताया कि वह झारखण्ड के लातेहार जिले का रहने वाला हैं और कक्षा- 07 तक पढ़ा है। पढाई छोडने के बाद उसने गाँव में दूसरों के खेतों में मजदूरी का काम शुरू कर दिया परन्तु पूरे दिन काम के बाद सिर्फ 350 रुपये मिलते थे । कभी काम होता था कभी नही होता था। जिससे परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, इसी कारण वह गया बिहार जाकर मजदूरी करने लगा तथा रेलवे स्टेशन पर आकर सो जाता था। इसी बीच गया बिहार मे इसकी मुलाकात छोटू यादव से हुई, जिसने संतोष को बताया कि अफीम को झारखण्ड राज्य से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा व पंजाब में जाकर देने पर प्रति चक्कर 20 हजार रूपये मिलेंगे व रास्ते का खर्चा अलग से दिया जाएगा। इस पर संतोष यादव तैयार हो गया और एक दो बार किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बरेली, बदायूँ, दिल्ली एनसीआर, पंजाब व हरिया आकर सप्लाई किया। जिसमे प्रति चक्कर उसे 20 हजार रूपये मिलने लगे। तस्कर संतोष ने बताया कि छोटू यादव को अफीम की जितनी डिमाण्ड मिलती है। उतना ही माल एक पिट्टू बैग में कपडों के बीच मे रखकर संतोष यादव को गया बिहार रेलवे स्टेशन के बाहर देता है तथा आने-जाने का खर्चा भी देता है। छोटू यादव से अफीम लेकर संतोष बस व ट्रेन बदल-बदलकर अलग-अलग रूट से पहले बनारस फिर लखनऊ होते हुए कभी-कभी बरेली, बदायूँ व दिल्ली एनसीआर आता है। जिस व्यक्ति को माल देना होता है उस व्यक्ति से छोटू बात करके संतोष को अफीम की डिलीवरी देने की जगह व समय पहले ही बता देता है। जब संतोष माल लेकर चलता है तो किसी से सम्पर्क नहीं करता जब तक की माल को तयशुदा जगह पर जिसको डिलीवरी देनी है वहाँ तक पहुँच न जाए। तयशुदा स्थान पर पहुँचने के बाद संतोष यादव छोटू यादव से बात करता है। छोटू यादव जिस व्यक्ति को अफीम की डिलीवरी देनी होती है उसे संतोष का हुलिया बताकर भेजता है। जिसे संतोष माल देकर 20 हजार रुपये ले लेता है। पूछताछ पर यह भी बताया कि पिछले कुछ समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अफीम की माँग बढी है। यह काम वह पिछले 06 माह से कर रहा है एवं कई बार माल पहुँचा चुका है। मादक पदार्थो की तस्करी में कम समय मे ज्यादा फायदा होता है। जिससे संतोष अपने शौक व घर के खर्चे पूरा करता है। इस बार यह अफीम की खेप श्यामबिहारी नाम के व्यक्ति को दुहाई के पास डिलीवरी करना था कि पुलिस ने पकड लिया।


अभियुक्त से पूछताछ पर मादक पदार्थों के बिक्री व तस्करी करने वाले अपराधियों के सम्बन्ध में कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली है। निश्चित रूप से इस प्रकार की पुलिस कार्यवाही से गाजियाबाद व आस-पास के क्षेत्रों में मादक पदार्थों की बिक्री व उनके सेवन पर रोक लगेगी।

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