मूक-बधिरों की भाषा समझने के लिए परिचालकों को 28 सितंबर को मिलेगा प्रशिक्षण

Lucknow : परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजन और मूक-बधिर अपने गंतव्य तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग ने नई पहल करते हुए परिचालकों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम 28 सितंबर को निर्धारित किया है।

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में परिचालकों के लिए एक दिवसीय सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बधिर संस्था के सहयोग से 28 सितंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में परिचालकों के लिए एक दिवसीय मूलभूत सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि परिचालक ही यात्रियों के प्रथम संपर्क बिंदु होते हैं। यदि वे भारतीय सांकेतिक भाषा के मूलभूत शब्द समझेंगे तो किसी भी प्रकार का भेदभाव रोका जा सकेगा। इससे सभी यात्रियों के प्रति समावेशी व्यवहार सुनिश्चित होगा। यह कार्यवाही विकलांगजन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में परिचालकों को यह सिखाया जाएगा कि बसों में दिव्यांगजन को बैठाते समय किस प्रकार सांकेतिक भाषा का उपयोग कर उनकी बात को समझा जाए और विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया कैसे पूरी की जाए।

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