
Lucknow : माजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और अरावली पहाड़ियों को बचाने के लिए नागरिकों को एक सशक्त संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अरावली को बचाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक संकल्प होना चाहिए।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक विस्तृत पोस्ट में लिखा कि अरावली पहाड़ियाँ न केवल दिल्ली और एनसीआर का प्राकृतिक सुरक्षा कवच हैं, बल्कि यह क्षेत्र की वायु गुणवत्ता, जल संरक्षण और जैव विविधता के लिए भी बेहद अहम हैं। उनके अनुसार, अरावली ही दिल्ली के तापमान को नियंत्रित करती है, वायु प्रदूषण को कम करती है और बारिश-पानी में अहम भूमिका निभाती है।
सपा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर अरावली का संरक्षण नहीं किया गया तो दिल्ली और एनसीआर में एक-एक सांस लेना भी संघर्षपूर्ण हो जाएगा। बुज़ुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर प्रदूषण का सबसे गंभीर और जानलेवा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि लोग अब यहां इलाज के लिए नहीं आ रहे।
उन्होंने विस्तार से बताया कि अरावली का विनाश केवल पर्यावरणीय नुकसान नहीं होगा, बल्कि इसका सीधा असर राजधानी की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों पर भी पड़ेगा। अगर पहाड़ियाँ नष्ट होती हैं, तो दिल्ली:
- उत्तर भारत के प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में अपनी अहमियत खो देगा।
- देश और विदेश के पर्यटक अब दिल्ली आने में संकोच करेंगे।
- बड़े इवेंट, सम्मेलन, खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएंगे।
- होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी-कैब, गाइड, हैंडीक्राफ्ट और अन्य व्यवसाय ठप्प हो सकते हैं।
- प्रदूषण के कारण हवाई, रेल और सड़क परिवहन असुरक्षित हो जाएगा।
अखिलेश यादव ने नागरिकों, स्कूलों, कोचिंग संस्थानों, व्यापारियों और परिवारों से अपील की कि वे “अरावली बचाओ अभियान” का हिस्सा बनें। उन्होंने मीडिया को भी इस अभियान को प्रमोट करने और जन-जागरूकता फैलाने की अपील की।
सपा अध्यक्ष ने आगे लिखा कि अरावली को बचाना मतलब खुद को बचाना है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार की अवैध खनन को वैध बनाने और जमीन की बेइंतहा भूख को नहीं रोका गया, तो दिल्ली दुनिया की ‘प्रदूषण राजधानी’ बन जाएगी और लोग यहां से पलायन करने को मजबूर होंगे।
अखिलेश यादव का यह संदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दिल्लीवासियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
उन्होंने जनता से अपील की कि मिलकर अरावली और दिल्ली को सुरक्षित बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी साफ हवा और सुरक्षित वातावरण में जीवन जी सकें।










