
Online Gaming Bill: केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि इस कदम से गेमिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ेगा। बिल का फोकस लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों दोनों पर रहेगा। खास बात यह है कि नए प्रावधानों के तहत कुछ ऑनलाइन गेम्स को बैन भी किया जा सकेगा—खासकर वे गेम्स जो लत, वित्तीय नुकसान या सामाजिक अव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।
गेमिंग इंडस्ट्री पर असर
अब तक ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में स्पष्ट नियमों की कमी रही है, जिसकी वजह से उपभोक्ता कई बार धोखाधड़ी और शोषण के शिकार हो जाते थे। नए कानून का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित माहौल देना और कंपनियों को नियमन के दायरे में लाना है। करोड़ों यूजर्स वाले इस सेक्टर पर सीधा असर पड़ेगा। खासकर वे कंपनियां जो बिना किसी नियंत्रण के वर्चुअल मनी, कैश गेम्स और बेटिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म चला रही हैं, उन्हें अब अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा।
किन गेम्स पर लग सकता है बैन?
बिल के तहत ऐसे गेम्स प्रतिबंधित किए जाएंगे जो—
- जुआ और सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं।
- वर्चुअल मनी या रियल कैश बेटिंग पर आधारित होते हैं।
- खिलाड़ियों में लत पैदा करते हैं और वित्तीय नुकसान कराते हैं।
- हिंसक या आपत्तिजनक कंटेंट को प्रमोट करते हैं।
इसका सीधा असर उन कंपनियों पर पड़ेगा जो अब तक बिना किसी रेगुलेशन के इस तरह के गेम चला रही थीं।