
लखनऊ : बिजली विभाग में पांच हजार के घूस के प्रकरण में विभाग ने शिकायतकर्ता को झूठा ठहराकर बैठायी गयी जांच में उपखण्ड अधिकारी को क्लीन चिट दे दी। उदयगंज के इस मामले मे एक उपखण्ड अधिकारी ने दूसरे उपखण्ड अधिकारी को निर्दोष करार देकर मामला रफा-दफा कर दिया।
बिजली विभाग में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि पहले तो शिकायत करो नहीं यदि शिकायत की तो सारे अधिकारी कर्मचारी मिलकर एक दूसरे को बचाने में लग जाते हैं।
जांच भी उसी अधिकारी को पकड़ा दी जाती है जिस पर दोषारोपण हो या फिर उसी के स्तर के अधिकारी से जांच करवाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। उदयगंज मुराद अली लेन बर्फखाना निवासी सैय्यद मेराजुद्दीन जिनका आवेदन संख्या जे7173152001 है। मेराजुद्दीन ने झटपट पोर्टल पर बिजली संयोजन के लिए आवेदन किया।

आवेदन के एवज में मेराजुद्दीन से पांच हजार रूपयों की मांग की गयी। पैसों के विरोध में मेराजुद्दीन ने अधिकारियों से शिकायत की। शिकायत के बाद अधिकारियों ने दबाव पड़ने पर उपखण्ड अधिकारी अमित कुमार सिंह के विरूद्व जांच उनके ही स्तर के उपखण्ड अधिकारी लालबाग संदीप मौर्या को सौंप दी। संदीप मौर्या समेत अवर अभियंता ओटीएस अश्वनी कुमार इसमें सदस्य हैं। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूरे प्रकरण को झूठा करार देकर उपखण्ड अधिकारी को क्लीन चिट दे दी। क्लीन चिट मिलने के बाद भी पूरी जांच टीम और अधिकारी पूरे प्रकरण को दबाये बैठे रहे जिससे मामला उजागर न होने पाये।