
- देश के बहुजनों को सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होगा
- बाबा साहेब की पुण्यतिथि पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने श्रद्धांजलि अर्पित की
Lucknow : बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मायावती ने अपने निवास स्थान पर अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर मायावती ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती और पुण्यतिथि पर यह सवाल उठता है कि संविधान के पवित्र मानवतावादी और कल्याणकारी उद्देश्यों पर आधारित देश के बहुजनों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान युक्त अच्छे दिन कब आएंगे।
मायावती ने कहा कि देश के शोषित-पीड़ित दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए थोड़े अच्छे दिन अब तक नहीं आए हैं, जिनके लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने आजीवन कड़ा संघर्ष किया और संविधान में अनेकों अधिकार दिए।
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी इस बात को लेकर सचेत, सजग और चिंतित है कि देश के बहुजनों को सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होगा और अपनी वोट की ताकत को सही से पहचानना होगा।
इस अवसर पर मायावती ने रुपया के भारी अवमूल्यन की खबरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मुद्दा आर्थिक से अधिक राजनीतिक और देशहित के महत्व का है और सरकार को इसके समाधान के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।
आज 6 दिसम्बर को परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की अनुयाई पार्टी बी.एस.पी. द्वारा पूर्व की तरह ही होने वाले कार्यक्रमों के अनुसार, पश्चिमी यूपी के ज़िलों को छोड़कर, उत्तर प्रदेश के अन्य मण्डलों के पार्टी के लोगों व बाबा साहेब के अनुयाइयों ने यू.पी. की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित विशाल व भव्य ‘डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’ स्थित गुम्बद आकार वाले ‘डा. भीमराव अम्बेडकर स्थल’ में बड़ी संख्या में पहुँचकर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा उत्तराखण्ड राज्य के लोगों ने दिल्ली सीमा पर ज़िला गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में बी.एस.पी. सरकार द्वारा स्थापित ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डेन’ में भारी संख्या में एकत्र होकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किये। यहां नोएडा में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनन्द ने भी, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इसी प्रकार, यूपी, उत्तराखण्ड व दिल्ली को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में भी बी.एस.पी. द्वारा अपने-अपने प्रदेश में जोन-स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करके बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ-साथ यहाँ समतामूलक समाज व कल्याणकारी देश निर्माण के लिए आजीवन किए गए कड़े संघर्षों व ऐतिहासिक योगदान को स्मरण किया।
उत्तर प्रदेश में बहनजी के नेतृत्व में चार बार बनी बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान् ‘बहुजन समाज’ में समय-समय पर जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासकर महात्मा ज्योतिबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरु, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम आदि को उनके नाम पर विशाल व भव्य स्थल, स्मारक व पार्क आदि बनाकर व उनके नाम से अनेकों जनहित व जनकल्याण की योजनायें चलाने के साथ-साथ उनके नाम पर नये जिलों, अनेकों शिक्षण व मेडिकल संस्थान आदि बनाने सहित उन्हें विभिन्न रूपों में भरपूर आदर-सम्मान दिया गया जिनकी जातिवादी पार्टियों की सरकारों में यहां हमेशा उपेक्षा की गयी व उनका तिरस्कार भी किया जाता रहा है।
‘बहुजन समाज के तीर्थस्थल के रूप में विकसित लखनऊ के ‘डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’ तथा नोएडा स्थित ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल’ में बीएसपी द्वारा होने वाले जयंती पुण्यतिथि आदि के कार्यक्रमों में शामिल होने पर अनुभव यही रहा है कि उनकी सुरक्षा प्रबंध के नाम पर जो ज़रूरी सरकारी व्यवस्थायें की जाती हैं, उससे काफी दूर-दराज़ से आने वाले बाबा साहेब के अनुयाइयों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तथा वहां पर मा. बहनजी के ठहरने तक अधिकांश लोगों को मुख्य स्थल से काफी दूर ही रोक दिया जाता है, जिस कारण ही उन्होंने अब उन स्थलों पर स्वयं ना जाकर अपने निवास स्थान पर या पार्टी कार्यालय में ही इन महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि आदि पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने का यह फैसला लिया है।
इस मौके पर उन्होने ख़ासकर रुपया का भारी अवमूल्यण की चर्चित ख़बरों का संज्ञान लेते हुये मायावती ने कहा कि यह मुद्दा आर्थिक से अधिक राजनीतिक व देशहित के महत्व का बना दिये जाने के कारण आर्थिक सलाहकारों से ज़्यादा सरकार को इस पर गंभीर होकर इसके समाधान हेतु ठोस उपाय जरूर करना चाहिये।
बहन कु. मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को एक महान मानवतावादी देशभक्त के राजनीतिक विरासत के रूप में स्मरण करने के साथ-साथ समाज व सरकारों के लिए मार्गदर्शक के रूप में उनके उपदेशों एवं संवैधानिक मूल्यों पर अमल करना चाहिये जिससे देश व जनहित सही से साधने में मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर, आज की विषम परिस्थिति में बहुजनों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को सही से समझकर उनके बताये रास्तों पर चलना समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है।












