
Lucknow : विभाग के अधिकारी जीएसटी के लिए डराए नहीं व्यापारियों का सहयोग करें। व्यापारी ही उत्तर प्रदेश को उद्योग और व्यापार के लिए देश में पहले स्थान पर लेकर के जाएगा। जीएसटी विभाग द्वारा किसी भी स्तर पर व्यापारी का शोषण रोकना चाहिए।
ऑक्सीजन, कपड़ा स्टेशनरी जैसे व्यापार पर एक ही प्रकार का टैक्स होना चाहिए और खास तौर पर लखनऊ की चिकनकारी हस्तशिल्प के अंतर्गत आता है उसे पर कर समाप्त होना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य कर के प्रमुख सचिव एम देवराज के साथ अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया।
उन्होंने मांग उठायी कि एचएसएन कोड के झमेले से व्यापारी को मुक्त करते हुए एक ही कोड होना चाहिए। टेंट में समाधान योजना एक प्रतिशत की होनी चाहिए। रिटर्न प्रणाली को अत्यंत सरल किया जाना चाहिए। जीएसटी दो अलग-अलग रिटर्न के बजाय एक ही फॉर्म होना चाहिए। आईटीसी के क्लेम के लिए व्यापारी को कटाई परेशान ना किया जाए यदि त्रुटि वर्ष कोई गलत प्रविष्टि हो गई है तो उसको नोटिस देने के बजाय व्यापारी से बात की जानी चाहिए। इस प्रकार दंडात्मक कार्यवाई में भी व्यापारी से बात हो उसको अवसर मिले उसका खाता भी सीज ना किया जाए।
वेट कॉल के लंबित मामले उसे पर अनावश्यक नोटिस और उत्पीड़न ना किया जाए। जीएसटी में ब्याज और अर्थ रेंट माफी योजना चालू रखी जाए। एक पक्षीय आदेश में व्यापारी को पुनः सुनवाई का अवसर दिया जाए पोर्टल की समस्या समाप्त की जाए।
सबसे महत्वपूर्ण नई जीएसटी की दरों को उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए व्यापारी को यह भरोसा दिलाया जाए कि उसकी बड़ी दरों से दरें घटने पर आईटीसी क्लेम करने पर कोई परेशानी नहीं होगी और उसको किसी प्रकार का विभाग द्वारा कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा।
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