लखनऊ। नगर निगम में तय राशि से महंगे दर पर कान्हा उपवन के जानवरों के लिए चारा खरीदने का मामला सामने आया है।CAG ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। ऑडिट में सवाल खड़ा किया गया है कि चोकर और भूसा खरीद पर ठेकेदार को 29.04 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। अब इसके बाद शासन की तरफ से नगर निगम अधिकारियों से जवाब भी मांग लिया गया है। हालांकि अधिकारी इसको गलत करार दे रहे हैं।
2018-2019 में चारा का कराया गया था टेंडर
लखनऊ का कान्हा उपवन पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर माना जाता है। बीजेपी सरकार से पहले से यहां पर 10 हजार से ज्यादा गायों के रहने और उनके खाने का इंतजाम है। ऑडिट में बताया गया है कि चारा के लिए 2018-2019 में टेंडर कराया गया था।
उस दौरान भूसे की दर करीब 500 रुपए तथा चोकर की दर 1850 रुपए कुंतल तय हुआ था। संबंधित फॅर्म के ठेकेदार ने उसी हिसाब से वर्क ऑर्डर भी जारी किया था। लेकिन ऑडिट के अनुसार ठेकेदार को अधिक दर से भुगतान किया गया, जिससे विभाग को 29.04 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा है। अब इसी आधार पर शासन से जवाब मांगा गया है।
जाना-माना लखनऊ का कान्हा उपवन
लखनऊ का कान्हा उपवन काफी बेहतर और आधुनिक सुविधाओं वाला माना जाता है। यहां नेता से लेकर हाईकोर्ट के जज तक व्यवस्था देखने के लिए आते हैं। रोजाना करीब 10 से 11 हजार गाय और बछड़ों का खाना नगर निगम की तरफ से दिया जाता है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा जब लखनऊ के मेयर थे तो उन्होंने यह व्यवस्था शुरू की थी। उसके बाद आने वाली सभी सरकार ने इसके विकास पर ध्यान दिया था।
आरोप है कि गड़बड़ी नहीं हुई
इस मामले में नगर निगम के संयुक्त निदेशक डॉ. एके राव का कहना है कि चारा खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया हमेशा अपनाई जाती है। सीएजी की तरफ से कोई आपत्ति लगाई गई है, उसका जवाब शासन को दे दिया गया है, विभाग की तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है।