
पुरी में रथ यात्रा उत्सव के दौरान हुई भगदड़ की घटना के बाद राज्य में सियासी बवाल तेज हो गया है। तीन श्रद्धालुओं की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने को लेकर कांग्रेस ने ओडिशा सरकार पर कुप्रबंधन और लापरवाही का आरोप लगाया है। इसी के तहत रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के आवास के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बयान ने विवाद को और गहरा कर दिया।
एसीपी नरसिंह भोल का बयान विवादों में
मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा में तैनात भुवनेश्वर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) नरसिंह भोल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सख्त और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में एसीपी पुलिसकर्मियों को कांटेदार तारों से घिरे आखिरी बैरिकेड की ओर इशारा करते हुए कहते हैं:
“अगर कोई यहां तक पहुंचता है तो उसका पैर तोड़ दो। पकड़ो मत, सिर्फ पैर तोड़ दो। जो भी पैर तोड़ेगा, वह मेरे पास आए और इनाम ले जाए।”
पुलिसकर्मियों ने इस आदेश के जवाब में “हां सर” कहा, जो कैमरे में साफ रिकॉर्ड हुआ।
बयान पर सफाई और सोशल मीडिया पर बवाल
वीडियो वायरल होते ही विपक्षी दलों ने पुलिस और राज्य सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस नेताओं ने इसे “तानाशाही सोच” बताया और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा। वहीं, जब इस बयान को लेकर सवाल उठे तो एसीपी भोल ने सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत संदर्भ में पेश किया गया।
उनका कहना है:
“मेरे कहने का संदर्भ यह था कि बैरिकेड पार करने वाला व्यक्ति कानून तोड़ चुका होता है और वह गैरकानूनी जमावड़े का हिस्सा बन जाता है। ऐसे में पुलिस को अधिकतम बल प्रयोग करने की अनुमति होती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का प्राथमिक उद्देश्य पहले बैरिकेड पर ही उपद्रवियों को रोकना और गिरफ्तार करना था।
पुरी भगदड़ पर प्रशासनिक जांच शुरू
इस बीच, ओडिशा सरकार ने पुरी में रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि विकास आयुक्त अनु गर्ग इस घटना की जांच करेंगी और 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगी।
कानून मंत्री ने कहा,
“यह एक बेहद दुखद घटना है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
घायलों को अस्पताल से छुट्टी
पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. किशोर सतपथी ने बताया कि हादसे में घायल हुए सभी लोगों को रविवार रात तक इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार की चुनौती
एक ओर जहां सरकार स्थिति संभालने और जांच प्रक्रिया शुरू करने की बात कर रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नरसिंह भोल के बयान को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस बयान को कैसे हैंडल करता है और क्या कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है या नहीं।