
Odisha Vidhan Sabha : ओडिशा में भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के हालिया विवादित बयान को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। विशेष रूप से ओडिशा विधानसभा में शासक और विरोधी दल के विधायकों के बीच हाथापाई की घटना सामने आई है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुई है। इस घटना ने ओडिशा की राजनीति में उथल-पुथल मचाई है, और इसकी चर्चा राज्य भर में हो रही है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में विधानसभा में शासक और विरोधी दल के बीच माइक फेंकने या मारपीट की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती रही हैं, लेकिन ओडिशा विधानसभा में यह घटना पहली बार घटी है। यह घटनाक्रम विधानसभा में राजनीतिक असहमति और कटुता को प्रदर्शित करता है।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने कुछ दिन पहले एक सरकारी सभा में पश्चिम ओडिशा को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने कहा था कि पश्चिम ओडिशा का मिलना एक ऐतिहासिक भूल थी। इस बयान से राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों में आक्रोश फैल गया, और इसे लेकर विरोधी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
विधायक मिश्र के बयान के साथ ही एक और विवाद उठ खड़ा हुआ जब उन्होंने राज्य के प्रसिद्ध गीत “वंदे उत्कल जननी” के गायन के दौरान अपनी सीट से खड़े होने से मना कर दिया। इस कदम ने विधानसभा के अंदर भारी बवाल मचाया और विवाद और भी गहरा गया।
विपक्षी दलों ने इस बयान और विधायक के व्यवहार की निंदा की और इसे राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का अपमान करार दिया। इस घटना के बाद, विधानसभा में शासक और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो हाथापाई में तब्दील हो गई। यह दृश्य ओडिशा विधानसभा के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया।
इस विवाद के बाद भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र की स्थिति भी मुश्किल में पड़ गई है, और कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से ओडिशा में भाजपा की छवि को नुकसान हो सकता है। हालांकि, भाजपा नेताओं ने विधायक के बयान का बचाव किया है, जबकि अन्य दलों ने इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी आलोचना की है।