
[ फाइल फोटो ]
झांसी। झांसी के एक नर्सिंगहोम संचालक प्रदीप पाठक (42) ने पुलिस की कथित प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने घर पर जहर खा लिया, जिसके बाद परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके छोटे भाई मनीष पाठक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उनके भाई को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही थी।
यह है पूरा मामला ?
प्रदीप पाठक झांसी के डडियापुरा और ललितपुर में ‘मां गायत्री नर्सिंग होम’ नाम से अस्पताल संचालित कर रहे थे। 1 मार्च को उनके अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि महिला को बेहोशी की अधिक मात्रा में दवा दे दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस मामले में पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर प्रदीप पाठक सहित अन्य डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद से ही पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही थी और प्रदीप पाठक की तलाश में दबिश दे रही थी। इस कार्रवाई से परेशान होकर प्रदीप ने आत्महत्या कर ली।
परिजनों के आरोप: पुलिस कर रही थी प्रताड़ित –
प्रदीप पाठक के छोटे भाई मनीष पाठक ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस लगातार उनके घर और रिश्तेदारों के यहां दबिश दे रही थी, जिससे उनका भाई मानसिक रूप से परेशान था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस बार-बार दबाव बना रही थी कि प्रदीप प्रसूता की मौत की जिम्मेदारी ले लें। घर और रिश्तेदारों के यहां पुलिस दबिश दे रही थी, जिससे परिवार दहशत में था। पुलिस उनके भाई की बेटियों से भी अभद्र भाषा में बात कर रही थी और गालियां दे रही थी। यह सब मानसिक दबाव उनके भाई के लिए असहनीय हो गया और उन्होंने जहर खाकर अपनी जान दे दी।
सरकारी कर्मियों को बचाने का आरोप –
मृतक के भाई मनीष पाठक ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन नर्सिंगहोम संचालक को प्रताड़ित कर रहे थे ताकि सरकारी कर्मियों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि मृतका ने खुद बयान दिया था कि वह पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती थी। लेकिन पुलिस इस बात को नजरअंदाज कर रही थी और केवल उनके भाई को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास कर रही थी।
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों का हंगामा –
गुरुवार को पोस्टमॉर्टम के बाद जब प्रदीप पाठक का शव परिजनों को सौंपा गया, तो गुस्साए परिजनों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।