अब बिना बायोमेट्रिक के नहीं मिलेगा सिम कार्ड, 10 एंगल से खींची जाएगी आपकी फोटो

लखनऊ डेस्क: साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं ने लोगों के बीच एक खौफ पैदा कर दिया है, और अब यह डर है कि कहीं अगला निशाना हम न बन जाएं। इस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, और इस दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव सिम कार्ड से जुड़े नियमों में किया गया है। अब सिम कार्ड प्राप्त करना पहले से ज्यादा कठिन हो गया है।

साइबर फ्रॉड और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में फर्जी सिम कार्ड्स का हाथ है, और इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को डिजिटल इंडिग्रेटेड वेरीफिकेशन सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नई सिम इशू करते समय ग्राहक के दस्तावेजों की पूरी जांच की जाए।

अब सिम कार्ड लेने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। पहले जहां आप सिर्फ एड्रेस प्रूफ जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड, पासपोर्ट जैसी डाक्यूमेंट्स देकर नया सिम ले सकते थे, वहीं अब इन दस्तावेजों के अलावा बायोमेट्रिक सत्यापन भी जरूरी होगा। इसके साथ ही कंपनियों को यह जांचने की जिम्मेदारी भी दी गई है कि किसी ग्राहक के नाम पर पहले से कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं। अगर किसी व्यक्ति ने अलग-अलग नामों से कनेक्शन ले रखे हैं, तो इस पर भी ध्यान दिया जाएगा। सिम इशू करने से पहले ग्राहक की दस अलग-अलग एंगल से फोटो भी ली जाएगी।

हालांकि ये नियम सख्त प्रतीत हो सकते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार की ये पहल साइबर फ्रॉड से बचाव में मदद करेगी, और अब तक सरकार 2.50 करोड़ फर्जी सिम कार्ड्स को ब्लॉक कर चुकी है, जो एक बड़ा कदम है साइबर अपराध को रोकने की दिशा में।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

जब मनोज कुमार ने सरकार से पंगा, बैन हो गई थी फिल्में आँखों के साथ आवाज से भी जादू करती है मोनालिसा मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया : धर्मात्मा निषाद विवाह के लिए बना खाना ट्रैफिक जाम में फंसे यात्रियों को खिलाया चाय के हैं शौकीन तो अब पीते-पीते घटाएं वजन