
शिमला : हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGGSY) चरण-4 के तहत बनने वाली 1103 सड़कों की गुणवत्ता को लेकर अब केंद्र सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अगर सड़क निर्माण में लापरवाही या मानकों से समझौता पाया गया तो ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी।
घर बैठे करें शिकायत: लगेगा QR कोड बोर्ड
PMGGSY के तहत बनने वाली हर सड़क के जीरो प्वाइंट (शुरुआती बिंदु) पर एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें क्यूआर कोड मौजूद रहेगा। कोई भी नागरिक यदि सड़क की गुणवत्ता से असंतुष्ट है—जैसे गड्ढे, उखड़ी टारिंग, अधूरा कार्य या समय से पहले खराब सड़क—तो वह उस क्यूआर कोड को स्कैन कर दो तस्वीरें अपलोड कर सीधे केंद्र सरकार को शिकायत भेज सकता है।
शिकायत ग्रामीण विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक सीधे पहुँचेगी, जिस पर तत्काल जांच और कार्रवाई की जाएगी।
1103 सड़कों को मिली मंजूरी, 400 रिजेक्ट, 103 पर संशोधन जारी
हिमाचल सरकार ने चरण-4 के तहत 1,506 बस्तियों की रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी, जिसमें से 1,103 सड़कों को मंजूरी मिली है।
- 400 सड़कें तकनीकी या भौगोलिक कारणों से रिजेक्ट की गई हैं।
- जबकि 103 प्रस्तावों पर पुनः सर्वे का कार्य जारी है।
इन सड़कों के माध्यम से 250 से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ने का लक्ष्य है। योजना में उन सड़कों को भी शामिल किया गया है, जो PMGGSY चरण-3 में किसी कारणवश छूट गई थीं।
केंद्र सरकार का पत्र, कड़ी निगरानी का संकेत
ग्रामीण विकास मंत्रालय के जॉइंट डायरेक्टर प्रदीप अग्रवाल द्वारा हिमाचल सरकार को भेजे गए पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा लोगों की भागीदारी से निगरानी को और सशक्त बनाया जाएगा।