
MP : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश में पुलिस पर बढ़ते हमलों और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। हालात इतने बदतर हैं कि अब पुलिस भी सुरक्षित नहीं है, तो जनता का क्या हाल होगा?
पटवारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बीते डेढ़ साल में राज्यभर में पुलिस पर 461 से अधिक हमले हुए, जिनमें 612 पुलिसकर्मी घायल हुए और 5 ने अपनी जान गंवाई। ये आंकड़े स्वयं सरकार ने विधानसभा में प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा, “केवल अक्टूबर 2025 में ही पन्ना और कटनी जिलों में दो बड़ी घटनाएं सामने आईं, जहां गिरफ्तारी करने गई पुलिस पर भीड़ ने हमला किया, राइफलें लूटीं और पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए।”उन्होंने सवाल उठाया, “जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, तो जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी?”राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपराधी कर रहे हैं पुलिस पर हमले
पटवारी ने कहा, “ये हमले सामान्य अपराध नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपराधियों की संगठित साजिश हैं। पुलिस पर हमला दरअसल कानून पर हमला है। इस सरकार में कानून का शासन नहीं, अपराधियों का शासन नजर आ रहा है।”
‘डबल रोल’ की ‘डबल मिस्टेक’ — कानून-व्यवस्था का ‘डबल डैमेज’
पटवारी ने मुख्यमंत्री द्वारा गृह विभाग संभालने पर तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री का ‘डबल रोल’ निभाने का प्रयास ‘डबल मिस्टेक’ साबित हुआ है। इससे कानून-व्यवस्था को ‘डबल डैमेज’ हुआ है। गृहमंत्री की जिद और उनके पद पर बने रहने की हठधर्मिता ने मुख्यमंत्री को भी लाचार कर दिया है। जनता पहले से ही पीड़ित थी, और अब पुलिस भी अपराधियों के हाथों पिट रही है।
गृहमंत्री दें इस्तीफा!
पटवारी ने जोर देकर कहा, “जिस राज्य में रोज़ाना औसतन एक पुलिसकर्मी पर हमला हो रहा हो, वहां गृहमंत्री का पद पर बने रहना लोकतांत्रिक अपराध है।
कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सबसे असफल गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।