
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राशन कार्ड व्यवस्था को और पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने देशभर में 1.17 करोड़ अपात्र राशन कार्ड धारकों की पहचान कर ली है। इनमें वे लोग शामिल हैं जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, आयकर दाता हैं या फिर कंपनियों में निदेशक हैं। सरकार का कहना है कि इन अपात्र लोगों को हटाकर वास्तव में ज़रूरतमंद और गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज योजना का सीधा लाभ दिया जाएगा।
अपात्रों की पहचान कैसे हुई
विभाग ने पहली बार राशन कार्ड धारकों के डेटा का मिलान विभिन्न सरकारी विभागों के डेटाबेस से किया है। इसमें शामिल हैं –
आयकर विभाग : लगभग 94.71 लाख राशन कार्ड धारक करदाता पाए गए।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय : करीब 17.51 लाख लोगों के पास चार पहिया वाहन दर्ज मिले।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय : लगभग 5.31 लाख लोग कंपनियों में निदेशक निकले।
राज्यों को सख्त निर्देश
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 सितंबर तक इस सूची का सत्यापन पूरा करने और अपात्र कार्ड धारकों को हटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद जिन ज़रूरतमंद लोगों का नाम प्रतीक्षा सूची में है, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम NFSA के तहत जोड़ा जाएगा।
क्यों ज़रूरी है यह कदम
NFSA के तहत अभी देश में 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी हैं, जिनसे 76.10 करोड़ लाभार्थी जुड़े हैं।
नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी, सालाना ₹1 लाख से अधिक आय वाले परिवार, चार पहिया वाहन मालिक और करदाता मुफ्त अनाज योजना के पात्र नहीं हैं।
केंद्र सरकार का मानना है कि अपात्र लोगों को हटाकर गरीबों को योजना से जोड़ना लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली TPDS की निष्पक्षता और भरोसे को मजबूत करेगा।
पहले भी हुई है छंटनी
साल 2021 से 2023 के बीच सरकार ने 1.34 करोड़ फर्जी और अपात्र राशन कार्ड रद्द किए थे। इसका सीधा फायदा उन ज़रूरतमंद परिवारों को मिला, जो अब तक योजना से बाहर थे।
कितने लोगों को लाभ मिलेगा
NFSA के तहत देश की 81.35 करोड़ आबादी को कवर करने की सीमा है –
ग्रामीण क्षेत्रों की 75% आबादी
शहरी क्षेत्रों की 50% आबादी
इसी व्यवस्था को और मज़बूत बनाने के लिए यह छंटनी की जा रही है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार
एनडीए सरकार पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना PMGKAY के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध करा रही है। अब अपात्र कार्ड धारकों को हटाने के बाद और भी ज़्यादा गरीब परिवारों तक यह योजना पहुँचेगी।
कुल मिलाकर, यह कदम गरीब और वास्तविक पात्र परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
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