अब नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स वसूलेंगे बैंक, द्वारका एक्सप्रेसवे से होगी शुरुआत

– मांगी गई बोलियां, बैंकों को मिलेंगे तीन साल के लिए टोलिंग अधिकार


नई दिल्ली । नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स अब बैंक वसूलेंगे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने बड़ा कदम उठाते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली बैंकों की मदद से शुरू करने का फैसला लिया है। यह योजना देश के पहले मल्टी-लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) टोल कलेक्शन प्रणाली के तहत संचालित की जाएगी, जिसकी शुरुआत द्वारका एक्सप्रेसवे से की जाएगी। इस प्रणाली के तहत बैंकों से बोलियां मांगी गई हैं और अधिकतम राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश करने वाले बैंकों को टोलिंग अधिकार दिए जाएंगे। यह अधिकार तीन साल के लिए होगा और कॉन्ट्रैक्ट मिलने के तीन महीने के अंदर इसे लागू करना होगा।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एमएलएफएफ टोलिंग में आम टोल प्लाजा की तरह कोई भौतिक टोल प्लाजा नहीं होगा। इसके बजाय, गैंट्री पर लगे फील्ड उपकरण और सेंसर का उपयोग किया जाएगा, जो गुजरने वाले वाहनों की जानकारी इकट्ठा करेगा। जब वाहन टोलिंग पॉइंट से गुजरेंगे, तो टोल की राशि इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम को भेजी जाएगी, जो फास्टैग वॉलेट से राशि काट लेगा। 28 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर केवल एक टोलिंग पॉइंट होगा, जो दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर है। यह पॉइंट दिल्ली की ओर से करीब 9 किलोमीटर दूर है और इसे पार करने वाले वाहनों को टोल टैक्स देना होगा। हालांकि, टोल की राशि के बारे में अभी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है।


क्योंकि बैंकों के पास सीधे टोल कलेक्शन में कोई विशेषज्ञता नहीं है, एनएचएआई की सहायक कंपनी आईएचएमसीएल ने उन्हें उप-ठेकेदारों को नियुक्त करने की इजाजत दी है। बोली दस्तावेज के मुताबिक उप-ठेकेदारों को कम से कम 200 किलोमीटर और भारत या विदेश में 10 सालों के लिए एमएलएफएफ-आधारित टोलिंग लागू करने का अनुभव होना चाहिए। एनएचएआई का उद्देश्य इस नई प्रणाली के जरिए भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करना और यात्रा को सुविधाजनक बनाना है।
एक अधिकारी ने कहा कि बैंकों की आरबीआई द्वारा निगरानी के कारण टोल कलेक्शन में ज्यादा पारदर्शिता आएगी, जिससे राजस्व के नुकसान की संभावना कम होगी। इस नई पहल से देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के अनुभव को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है।

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