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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों और गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’ और ‘फिन डॉट इन’ शुरू किए जाने का ऐलान किया है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मनल्होत्रा ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। इससे निपटने के लिए आरबीआई इस साल अप्रैल से बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’ शुरू कर रहा है। इसके साथ ही आने वाले समय में गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाइयों के लिए ‘फिन डॉट इन’ शुरू किया जाएगा।
संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों और ‘फिशिंग’ जैसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को करने के साथ सुरक्षित वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित बनाना है, ताकि डिजिटल बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में विश्वास बढ़े। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) विशेष रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 से शुरू होंगे।
उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए अलग से ‘फिन डॉट इन’ की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने इसके साथ सीमा पार बिना कार्ड प्रस्तुत किए (कार्ड नॉट प्रेजेंट) लेन-देन में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत शुरू करने का भी निर्णय किया है।