
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पद से दिया इस्तीफा, वे भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा है। इससे पहले वीवी गिरि ने 1969 में कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने के चलते त्यागपत्र दिया था, जबकि भैरो सिंह शेखावत ने 2007 में राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद इस्तीफा दिया था। आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायणन ने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था। कृष्ण कांत अब तक के एकमात्र उपराष्ट्रपति रहे जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हुआ।
शंकर दयाल शर्मा : एक दुर्लभ और ऐतिहासिक रिकॉर्ड
कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा भारतीय राजनीति के उन चुनिंदा चेहरों में रहे हैं, जिन्होंने सत्ता के लगभग हर बड़े पद को सुशोभित किया। वे न केवल उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति रहे, बल्कि मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे पदों की जिम्मेदारी भी निभाई। उनके नाम यह विशिष्ट रिकॉर्ड दर्ज है कि वे इन सभी शीर्ष पदों पर आसीन होने वाले एकमात्र नेता हैं।
वे सात उपराष्ट्रपति, जो बने राष्ट्रपति
अब तक भारत में 14 उपराष्ट्रपति चुने जा चुके हैं, जिनमें से 7 को आगे चलकर राष्ट्रपति बनने का अवसर मिला। डॉ. एस. राधाकृष्णन और हामिद अंसारी ऐसे दो उपराष्ट्रपति रहे, जिन्होंने दो बार यह पद संभाला। डॉ. राधाकृष्णन न केवल पहले उपराष्ट्रपति थे, बल्कि एक दार्शनिक और शिक्षाविद् के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके थे। वहीं, डॉ. जाकिर हुसैन, जो दूसरे उपराष्ट्रपति बने, जामिया मिलिया इस्लामिया और राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक भी रहे।
जब नौकरशाह बने उपराष्ट्रपति
राजनीतिक पृष्ठभूमि के बिना भी कुछ हस्तियों ने उपराष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया। इनमें प्रमुख हैं – केआर नारायणन और हामिद अंसारी। दोनों का प्रशासनिक और कूटनीतिक अनुभव काफी गहरा रहा है। इसके अलावा गोपाल स्वरूप पाठक, मोहम्मद हिदायतुल्ला और आर. वेंकटरमण जैसे उपराष्ट्रपति पेशे से वकील रहे।
भैरो सिंह शेखावत : भाजपा के पहले उपराष्ट्रपति
भैरो सिंह शेखावत भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहले ऐसे नेता बने जिन्होंने उपराष्ट्रपति का पद संभाला। उन्होंने 2007 में राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव लड़ा, लेकिन यूपीए की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल से हार गए। उनके बाद वेंकैया नायडू और फिर जगदीप धनखड़ भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति बने। कांग्रेस की तरफ से इस पद को संभालने वालों में वीवी गिरि, बीडी जत्ती, कृष्ण कांत, शंकर दयाल शर्मा और आर. वेंकटरमण जैसे नाम शामिल हैं।
जगदीप धनखड़ : राजनीतिक दलों में लंबी यात्रा
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर बहुआयामी रहा है। 1989 में वे जनता दल के टिकट पर झुंझनू से लोकसभा सांसद चुने गए। 1990 में चंद्रशेखर सरकार में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया। बाद में 1991 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और 1993 में अजमेर के किशनगढ़ से विधायक बने। 2003 में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। जुलाई 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और फिर 2022 में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने।