समाधान दिवस के बाद नून नदी पुनरोद्धार का आगाज़

  • शिवराजपुर के रामपुर नरुवा में नदी के उद्गम स्थल पर विधायक समेत प्रशासनिक अफसरों ने भूमि पूजन के साथ श्रमदान कर शुरू कराया कार्य

बिल्हौर (कानपुर)। समय के साथ सूखती नून नदी पर सिस्टम की निगाह पैनी हो गई है। प्रशानिक अफसरों ने शनिवार को जनप्रतिनिधियों के साथ रामपुर नरुवा स्थित नदी के उद्गम स्थल का भूमि पूजन किया और श्रम दान कर पुनरोद्धार को हरी झंडी दी। इससे पहले क्षेत्र में दस्तक देने के साथ ही डीएम ने लगे हाथ शिवराजपुर के थाना समाधान दिवस में सुनवाई की। जहां गुटखा खाते फरियादी को अनुशासन का पाठ पढ़ा जुर्माना की कार्रवाई भी की गई।

शिवराजपुर विकास क्षेत्र के रामपुर नरुवा अंतर्गत मद्दूपुर में कन्हैया ताल से निकली नून नदी गंगा की सहायक नदी है। जो बिठूर तक लगभग 48.85 किमी परिक्षेत्र में फैली है। शिवराजपुर, चौबेपुर व कल्याणपुर की लगभग 63 गांव पंचायत से प्रवाहित होती नून नदी का अस्तित्व जल संकट के चलते खतरे में आ गया और इसके परिक्षेत्र पर क्षेत्रीय किसानों का कब्जा बढ़ने लगा। जिससे नदी की 8 मीटर चौड़ाई सिकुड़ गई। मीडिया की सुर्खियों में गहराए मामले का प्रशासनिक अफसरों ने संज्ञान लिया और गंगा की सहायक नदी के पुनरोद्धार की रूपरेखा बनाई गई। शनिवार को स्थानीय विधायक मोहित सोनकर और डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ दीक्षा जैन आदि ने कन्हैया तालाब स्थित नून नदी उद्गम स्थल का पूजन किया और श्रम दान के साथ कार्ययोजना को हरी झंडी दे दी। इस कार्य के लिए शासन से 19.63 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। प्रशानिक अमले ने मौजूदा जनप्रतिनिधि के साथ स्थानीय लोगों को जागरूक किया। उन्हें नदी का महत्व बताते हुए इसके विकास में भागीदारी निभाने को प्रेरित किया गया। इस मौके पर डीएम ने कार्ययोजना से जुड़े अफसरों को कार्य की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कार्य की स्वयं मॉनिटरिंग करने की बात कहकर चेताया।

अफसरों की सक्रियता से पुनरोद्धार की रूपरेखा ने पकड़ी तेजी

बिल्हौर (कानपुर)। संकट की जंग लड़ती नून को लेकर मीडिया में सुर्खियां गहराई। इससे प्रशानिक अमला सक्रिय हो गया है। सर्वप्रथम गत 31 जनवरी को सीडीओ दीक्षा जैन ने टीम के साथ नदी के उद्गम स्थल की हकीकत को जमीनी स्तर से परखा। इसके बाद 06 फरवरी को सीडीओ की अध्यक्षता में श्रम विभाग, मनरेगा व तकनीकी सहायकों के साथ बैठक की गईं। अफसरों ने जमीनी और अभिलेखीय औपचारिकताएं पूर्ण कर शनिवार को नदी के कार्ययोजना का शुभारंभ कर दिया।

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