
ड्रोन बनाने वाली मशहूर कंपनी IdeaForge इन दिनों मुश्किल में फंसी हुई है. चेन्नई की एक कोर्ट ने कंपनी के CFO (मुख्य वित्तीय अधिकारी) विपुल जोशी के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है. वजह ये है कि उन्हें कोर्ट में पेश होकर जमानत भरनी थी, लेकिन वो नहीं पहुंचे. कोर्ट ने पहले ही साफ-साफ कह दिया था कि सभी आरोपियों को 1 अप्रैल तक कोर्ट में पेश होकर 25 हजार रुपये की जमानत और दो असली जमानती देने होंगे.
फर्जी जमानती देने पर कोर्ट सख्त –
जब बाकी आरोपी कोर्ट में पहुंचे तो उन्होंने जो लोग जमानती के तौर पर पेश किए, वो असली नहीं थे. वे लोग न तो कंपनी को जानते थे और न ही उसका नाम कभी सुना था. कोर्ट ने इसे गंभीर धोखाधड़ी बताया और सख्त फटकार लगाई. कोर्ट ने साफ कह दिया कि अगर दोबारा ऐसा हुआ तो फर्जी जमानती को भी जेल भेज दिया जाएगा. हालांकि, एक आरोपी के रिश्तेदार की जमानत को कोर्ट ने मान लिया.
ड्रोन खरीदने वाले ग्राहक ने लगाए आरोप –
ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब चेन्नई की एक कंपनी ने IdeaForge से 15 ड्रोन करीब 2.2 करोड़ रुपये में खरीदे. बाद में उस ग्राहक ने आरोप लगाया कि कंपनी ने उन्हीं ड्रोन को रिमोट से हैक करके बंद कर दिया जिससे उसके प्रोजेक्ट ठप हो गए और उसका नाम भी खराब हुआ. इन ड्रोन का इस्तेमाल सरकार की लगभग 70 करोड़ रुपये की योजनाओं में होना था, लेकिन सब कुछ रुक गया.
धोखाधड़ी और हैकिंग के आरोप –
इस मामले में चेन्नई की साइबर क्राइम पुलिस ने जांच करके IdeaForge और उसके कुछ अफसरों पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं. इनके खिलाफ भारतीय कानून की धारा 409 और 65 के तहत केस दर्ज हुआ है और आईटी एक्ट की धारा 66 भी लगाई गई है. यानी मामला सिर्फ बिज़नेस का नहीं बल्कि साइबर क्राइम का भी है.
कोर्ट में राहत नहीं मिली –
कंपनी ने इस केस को रद्द करवाने के लिए पहले मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. इसके बाद कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली. अब कोर्ट ने आखिरी मौका देते हुए बाकी आरोपियों को कहा है कि 4 अप्रैल तक असली जमानती पेश करो, वरना सख्त कार्रवाई होगी.फिलहाल मामला कोर्ट में है और आगे की कार्रवाई पर सबकी नजर है. टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रही ये कंपनी अब गंभीर आरोपों और कानून के शिकंजे में फंसी हुई है. देखना होगा कि कंपनी इससे कैसे बाहर निकलती है और कोर्ट क्या फैसला सुनाता है.