18 दिन बाद भी लापता नेवी अफसर करनदीप सिंह राणा का नहीं मिला सुराग, चीन में शुरू हुई जांच

देहरादून : सिंगापुर से चीन जा रहे मर्चेंट नेवी के जहाज से लापता हुए देहरादून निवासी करनदीप सिंह राणा का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। घटना को 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन परिवार की उम्मीदें अभी भी बाकी हैं। करनदीप के परिवारजन लगातार डीजी शिपिंग के अधिकारियों के संपर्क में हैं, हालांकि चार दिन तक चली तलाशी के बाद भी कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया।

अब जहाज चीन पहुंच चुका है और वहां औपचारिक जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस जांच में करनदीप के परिवार के दो सदस्यों को भी शामिल किया जा रहा है। इसके लिए बुधवार को ही दोनों के पासपोर्ट बनाए गए।

रुद्रप्रयाग के मूल निवासी और वर्तमान में देहरादून पटेलनगर में रहने वाले करनदीप सिंह मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर कार्यरत थे और एमटी फ्रंट प्रिंसेस शिप पर तैनात थे। उनकी बहन सिमरन के अनुसार, 18 अगस्त को करनदीप सिंगापुर से शिप पर सवार हुए थे। शिप ईराक से होता हुआ चीन की ओर जा रहा था, तभी 20 सितंबर को करनदीप लापता हो गए।

डीजी शिपिंग ने उसी रात करीब 9:30 बजे परिवार को सूचना दी कि श्रीलंका और सिंगापुर के बीच करनदीप लापता हुए हैं। समुद्र और जहाज दोनों जगह चार दिनों तक तलाश की गई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।

चीन पहुंचने पर जांच शुरू
मंगलवार को शिप चीन पहुंचा, जहां डीजी शिपिंग के निर्देश पर जांच शुरू हुई। पहले ही दिन शिप के कैप्टन, चीफ ऑफिसर समेत चार अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। बताया गया कि आखिरी बार करनदीप को शिप के चीफ कुक ने देखा था।

घटनास्थल से करनदीप का एक जूता और कैमरा बरामद हुआ है। परिवार को इसकी जानकारी दो दिन बाद दी गई, लेकिन किसी आधिकारिक प्रमाण के बिना। करनदीप रात को काम खत्म करने के बाद फोटो खींचने निकले थे और उन्हें तस्वीरें अपने वरिष्ठ अधिकारी को भेजनी थीं।

परिवार की पीड़ा – न जवाब, न मदद
करनदीप के लापता होने के बाद से परिवार गहरे सदमे में है। मां शशि राणा और बहन सिमरन ने बताया कि अधिकारी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे, न ही सरकार से किसी तरह की मदद मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई अधिकारियों को पत्र लिखकर सहायता मांगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आखिरी बातचीत
20 सितंबर की सुबह करनदीप ने मां और बहन से बात की थी। उन्होंने कहा था, “यहां सब ठीक है।” आखिरी बार दोपहर 12:30 बजे मां से सात मिनट तक फोन पर बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने खुद को पूरी तरह सुरक्षित बताया। लेकिन उसी रात 9:30 बजे परिवार को करनदीप के लापता होने की सूचना दी गई।

सोशल मीडिया पर मदद की अपील
करनदीप की खोज के लिए सोशल मीडिया पर लगातार अभियान चल रहा है। परिवार ने सभी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनके बेटे का कोई सुराग जल्द मिल सके।

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