
नई दिल्ली। क्रिसमस के दिन हुई हड़ताल के बाद अब गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स ने 31 दिसंबर, यानी नए साल की पूर्व संध्या पर पूरे देश में हड़ताल करने की घोषणा की है। यह विरोध प्रदर्शन स्विगी, जोमैटो, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, ज़ेप्टो, ब्लिंकइट जैसी प्रमुख कंपनियों से जुड़े कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा।
हड़ताल का कारण और योजना
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की यह हड़ताल इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) और तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने बुलाई है। इस हड़ताल में डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर और होम सर्विस से जुड़े कर्मचारी शामिल होंगे, जिसका प्रभाव ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं पर पड़ सकता है।
पिछली हड़ताल का असर और क्षेत्रीय प्रभाव
25 दिसंबर को हुई इसी तरह की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर गुरुग्राम में देखा गया। सेक्टर 66, बादशाहपुर, सोहना रोड, सेक्टर 31, 47 और 48 जैसे इलाकों में लोगों ने खाने की डिलीवरी में देरी की शिकायत की। कई कर्मचारियों ने एक साथ विरोध प्रदर्शन किया। सेक्टर 47 के रोडियो ड्राइव मार्केट में लगभग 70–80 कर्मचारी जुटे थे, जबकि बानी स्क्वायर, आईएलडी टॉवर, इरोस सिटी स्क्वायर और हुडा मार्केट जैसे इलाकों में भी प्रदर्शन हुए।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों ने अपनी मुख्य मांगें रखी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कम से कम न्यूनतम मजदूरी के बराबर आय की गारंटी
- साफ और पारदर्शी वेतन व्यवस्था, जिसमें कैब ड्राइवरों के लिए कम से कम 20 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान शामिल है
- दिन में आठ घंटे या उससे अधिक काम पर ओवरटाइम भुगतान
- दुर्घटना, बीमारी और आपात स्थिति के लिए बीमा और सामाजिक सुरक्षा
- ’10 मिनट डिलीवरी’ जैसे मॉडल को बंद करना, क्योंकि इससे तेज और असुरक्षित ड्राइविंग बढ़ती है
साथ ही, कर्मचारियों ने सुरक्षित कामकाजी माहौल की भी मांग की है। उनका कहना है कि सर्दियों में घने कोहरे के कारण देर रात गाड़ी चलाना खतरनाक होता है, इसलिए कोहरे के समय रात 11 बजे के बाद डिलीवरी बंद की जानी चाहिए।
आगे की योजना और प्रभाव
यह हड़ताल देशभर के गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के समर्थन से हो रही है, जिसका लक्ष्य उनके वेतन, सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार लाना है। इससे आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं में व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
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