
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक चरण में है, जहां दोनों मोर्चों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बिहार की राजनीति, नक्सलवाद, पलायन, घुसपैठ और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की।
अमित शाह ने कहा कि जंगलराज का खतरा फिर से लौटने का प्रयास है, और बिहार की जनता को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने एनडीए के नेतृत्व को लेकर स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और भाजपा उनके साथ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी ‘एकनाथ शिंदे’ जैसे नेता का कोई स्थान नहीं है, और नीतीश का नेतृत्व अटूट है।
तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे को शाह ने असंभव बताया, और कहा कि यह केवल छलावा है। उन्होंने कहा कि बिहार का बजट इतना बड़ा नहीं है कि इतना रोजगार संभव हो। शाह ने स्वरोजगार को पलायन रोकने का सबसे अच्छा उपाय बताया और कहा कि सरकार गांव-गांव में लघु उद्योग और स्वरोजगार के अवसर सृजित कर रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि जंगलराज का डीएनए वही है, बस चेहरे बदले हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर की नई पार्टी को लेकर कहा कि देश में 1550 से अधिक पार्टी हैं, और एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगा।
नक्सलवाद के खिलाफ उन्होंने कहा कि 2026 तक देश से यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को सरेंडर करने का अवसर दिया जा रहा है, और उन्हें छह महीने का रिहैब, स्किल ट्रेनिंग और रोजगार दिया जाएगा।
घुसपैठियों के मुद्दे पर शाह ने कहा कि मतदाता सूची से 35 लाख नाम हटाए गए हैं, जिनमें से कई घुसपैठिए थे। उन्होंने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है और घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा।
बिहार के औद्योगिकीकरण पर बोलते हुए शाह ने कहा कि बरौनी रिफाइनरी शुरू हो चुकी है, और इथेनॉल उत्पादन में बिहार नंबर वन है। उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ भी सख्त रणनीति अपनाने का भरोसा दिया।
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी नेता नहीं बनाते, जनता ही नेता तय करती है। उनका लक्ष्य लोकसंग्रह है, सत्ता नहीं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता विकास की राजनीति को ही पसंद करती है, और इस बार भी वही चुनेगी।
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