
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “जो करेगा जाति की बात, उसे कसकर मारूंगा लात”। गडकरी का यह बयान समाज में जातिवाद के खिलाफ उनकी सख्त नीति को दर्शाता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, संप्रदाय से नहीं, बल्कि अपने गुणों और कड़ी मेहनत से बड़ा होता है।
गडकरी ने अपने भाषण में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का उल्लेख करते हुए कहा कि जब एपीजे अब्दुल कलाम न्यूक्लियर साइंटिस्ट बने तो उन्होंने ऐसा काम किया कि उनका नाम सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ। गडकरी ने आगे कहा कि कलाम की उपलब्धियों से यह सिद्ध होता है कि किसी भी व्यक्ति को उसके गुणों और कार्यों से पहचाना जाना चाहिए, न कि उसके जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा या लिंग से।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका विश्वास है कि हम समाज में जातिवाद, धर्म, संप्रदाय, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। गडकरी का यह बयान उन लोगों के लिए एक मजबूत संदेश है जो समाज में जातिवाद और भेदभाव की बात करते हैं। उनका यह दृष्टिकोण समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
गडकरी ने कहा कि हमें अपने समाज की जड़ों में बदलाव लाना होगा और सभी को समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए, चाहे उनका धर्म, जाति, या भाषा कुछ भी हो। उनका यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि भारत में एकता और अखंडता को बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।