
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा, तकनीक और शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में ‘विजन 2030’ के तहत भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुंबई में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक भी की, जिसमें ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त बयान में कहा, “भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसी जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “भारत में यूके की नौ यूनिवर्सिटीज अपने कैंपस खोल रही हैं। यह शिक्षा और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
संयुक्त बयान में क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसी जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।”
उन्होंने यह भी कहा, “कल भारत-ब्रिटेन के सबसे बड़े व्यापारिक नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। आज हम भारत-ब्रिटेन सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित करेंगे। इन अवसरों पर, दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने के सुझाव और संभावनाएं साझा की जाएंगी।”
पीएम मोदी ने कहा- ‘दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी’
“इस समझौते से दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, व्यापार बढ़ेगा और इससे हमारे उद्योगों तथा उपभोक्ताओं को लाभ होगा। कुछ ही महीनों में यह समझौता जिस पर हस्ताक्षर हुए हैं- आपकी भारत यात्रा का प्रतीक है, जिसमें अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल आपके साथ आया है।”
पीएम मोदी ने कहा, “भारत और यूके स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारे संबंधों की नींव लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों में निहित है। वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में, दोनों देशों की यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए एक मजबूत आधार है।”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का यह पहला भारत दौरा है, जो उनके ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब वैश्विक माहौल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण अस्थिरता बनी हुई है। दोनों नेताओं की मुलाकात और बातचीत का यह मकसद है कि आने वाले दिनों में भारत-ब्रिटेन संबंध और मजबूत होंगे।
“हमारी साझेदारी ट्रस्ट वर्दी है। भारत की वायु सेवा के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर यूके की रॉयल इंस्ट्रक्टर के रूप में काम करेंगे। वहीं, मुंबई में यह बैठक हो रही है, जबकि हमारे नौसैनिक जहाज ज्वाइंट एक्सरसाइज़ कर रहे हैं। यूके में बसे 1.8 मिलियन भारतीय हमारे साझेदारी की मजबूत कड़ी हैं। ब्रिटिश समाज अपने मूल्यवान सहयोग से दोनों देशों के बीच मित्रता और विकास को बढ़ावा दे रहा है। हमारे टैलेंट और टेक्नोलॉजी के मेल से एक अनोखी सिनर्जी बनती है।”
उन्होंने यह भी कहा, “हमारी साझेदारी ट्रस्ट और भरोसे पर आधारित है, और यह टैलेंट व टेक्नोलॉजी से संचालित है। पीएम स्टार्मर और मैं जब मंच पर साथ खड़े होते हैं, तो हमारा स्पष्ट कमिटमेंट है कि दोनों देश मिलकर अपने लोगों का उज्जवल भविष्य बनाएंगे।”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का बयान
“प्रधानमंत्री मोदी, जुलाई में ब्रिटेन में आपकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। कुछ ही महीनों बाद, मैं फिर भारत आकर बहुत खुश हूं। ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटीज भारत में अपना कैंपस खोलेंगी, और इस संबंध में व्यापार समझौता पहले ही हो चुका है।”
उन्होंने कहा, “हम एक नई, आधुनिक साझेदारी बना रहे हैं, जिसमें टैरिफ में कमी, विकास गति देना, रोजगार सृजन और दोनों देशों के बाजारों तक पहुंच बढ़ाना शामिल है। भारत का लक्ष्य 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है, और पीएम मोदी का विजन इसे 2047 तक विकसित देश बनाने का है। मैंने यहां जो देखा है, उससे यह साबित होता है कि हम सफलता की राह पर हैं।”
यह भी पढ़े : क्या 170 एकड़ जमीन पर बने सहारा शहर पर बनेगी लखनऊ की नई विधानसभा? जानिए नगर निगम का आगे का प्लान…