
दिल्ली। नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) ने 14-15 अप्रैल को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक भव्य आयोजन के साथ ऑल इंडिया फोरेंसिक साइंस समिट का सफल आयोजन किया। इस दो दिवसीय समिट के उद्घाटन का सम्मान गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया, जिनके उद्बोधन ने इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के महत्व को और प्रासंगिकता को रेखांकित किया।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का सहयोग
इस समिट में भारत के साथ-साथ 30 से अधिक देशों के फोरेंसिक विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, और सुरक्षा एजेंसियों ने भाग लेकर विभिन्न सेशन, कार्यशालाओं और संवाद सत्रों में हिस्सा लिया। डिजिटल फोरेंसिक, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन, एआई इन फॉरेंसिक, ड्रग एनालिसिस, और डीएनए प्रोफाइलिंग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई, जिससे नवीनतम तकनीकी और नवाचार संबंधित पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।
प्री-समिट कार्यक्रम और हिंदी प्रतियोगिता
समिट के एक दिन पूर्व, 13 अप्रैल को हैकथन, फिल्म फोरेंसिक सिंपोजियम, और हिंदी अंतर्परिसरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन से कार्यक्रम की धूम और उत्साह को और बढ़ाया गया। इन आयोजनों में विजेताओं को केंद्रीय मंच से सम्मानित किया गया। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले से आने वाले अंकित देव अर्पण, जो वर्तमान में NFSU गांधीनगर परिसर में साइबर लॉ में एलएलएम कर रहे हैं, एवं एक साइबर लॉयर के रूप में कार्यरत हैं ने हिंदी प्रतियोगिता में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दो पुरस्कार जीते। अंकित देव ने हिंदी लेखन के संवर्धन में भी अपना योगदान दिया है, “राइटर्स कम्युनिटी” की स्थापना करके देशभर में हिंदी भाषा के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पुरस्कार समारोह और प्रमुख व्यक्तित्व

अंकित देव अर्पण ने पुरस्कार प्राप्ति पर कहा, “यह मेरे लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि हिंदी भाषा को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाने का अवसर भी है। मैं माननीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने हिंदी, कानून, और फोरेंसिक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को एक साझा मंच पर लाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया।” इस अवसर पर, NFSU के कुलपति प्रो० डॉ० जे एम व्यास, परिसर निदेशक प्रो० डॉ० एस ओ जुनारे, हिंदी राजभाषा अधिकारी विनोद कुमार पांडेय, लॉ स्कूल की डीन प्रो० डॉ० पूर्वी पोखरियाल, असिस्टेंट प्रो० डॉ० बिस्वा कल्याण दास, डॉ० दीपक मशरू एवं उनके माता-पिता का भी विशेष धन्यवाद किया गया।
समिट में तकनीकी सत्र और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

समिट के दौरान आयोजित विभिन्न तकनीकी सत्रों और कार्यशालाओं में फोरेंसिक के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान फोरेंसिक एजेंसियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग, नवाचार और नीति निर्माण पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक के क्षेत्रों में नई दिशाएं और समाधान प्रस्तुत करना था।
इस विस्तृत आयोजन ने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया। NFSU का यह अभिनव प्रयास अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की अग्रणी भूमिका को मजबूत करता है और फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की दिशा में एक कदम है।