एडीजीपी वाई पूरण कुमार सुसाइड केस में नया मोड़ : पत्नी आईएएस अमनीत ने एफआईआर पर उठाए सवाल

चंडीगढ़ : हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में विवाद अभी थम नहीं सका है। चंडीगढ़ पुलिस ने वीरवार रात सुसाइड नोट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन इस पर एडीजीपी की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने महिला एसएसपी कंवरदीप कौर को पत्र लिखकर एफआईआर को अधूरी और खामियों वाला बताया।

अमनीत पी. कुमार का आरोप है कि एफआईआर में कई गंभीर कमी हैं। मुख्य आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं किए गए हैं और आरोपियों के खिलाफ लगाई गई एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएँ कमजोर हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें 9 अक्टूबर की रात 10:22 बजे एफआईआर की प्रति उनके सेक्टर-24ए स्थित आवास पर एसएसपी द्वारा सौंपी गई थी, लेकिन वह बिना हस्ताक्षर और अधूरी थी। विशेष रूप से, शिकायत में जिन अधिकारियों – डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया – के नाम दर्ज थे, उन्हें एफआईआर के कॉलम नंबर 7 में शामिल नहीं किया गया।

अमनीत ने मांग की कि मामले में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(वी) को भी जोड़ा जाए, क्योंकि वर्तमान धाराएँ वास्तविक स्थिति को पूरी तरह दर्शाती नहीं हैं। उन्होंने एसएसपी से तत्काल हस्तक्षेप कर एफआईआर में संशोधन और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

इसके साथ ही उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि एडीजीपी वाई पूरण कुमार द्वारा छोड़े गए फाइनल सुसाइड नोट की प्रतियां अभी तक उन्हें नहीं दी गई हैं। अमनीत ने कहा कि 7 अक्टूबर 2025 को लिखे गए दो नोट – एक मृतक की जेब से और दूसरा लैपटॉप बैग से बरामद – की प्रमाणित प्रतियां तुरंत उपलब्ध कराई जाएं, ताकि एफआईआर में उल्लिखित सामग्री की सत्यता की पुष्टि हो सके।

सुसाइड नोट में इन व्यक्तियों के नाम शामिल हैं: डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लो, एडीजीपी संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, आईपीएस कला रामचंद्रन, आईपीएस संदीप खिरवार, आईपीएस सिबार कविराज, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, एसपी नरेंद्र बिजारणिया और अन्य।

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