
- ईंट भट्ठों में पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर शुरू हुआ सर्वे
- एईईई और लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन की ओर से हुआ आयोजन
लखनऊ: ईट उद्योग में ऊर्जा दक्षता, जिग जैग तकनीक और पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर एक आयोजन हुआ। कार्यक्रम में ईंट भट्ठों के पर्यावरणीय प्रभावों पर शुरू हो रहे सर्वे पर रोशनी डाली गई। बताया गया कि कैसे नई तकनीक से पर्यावरण की रक्षा करते हुए ईंट भट्ठों की उत्पादन क्षमता में सुधार किया जा सकेगा।
AEEE (Allime for Energy florent commy) और लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन की ओर से गोमतीनगर एक होटल में यह आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान, प्रगति ग्रुप के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और ईट निर्माता परिषद के अध्यक्ष कमलकांत पांडेय की विशेष उपस्थिति रहीं। किल्न एसोसिएशन के पदाधिकारी शेषमणि तिवारी, आरजी प्रेम कृपलानी, बलबीर सिंह, राजेश बाबू मिश्रा, संतशरण वर्मा, चरन अहूजा, एईईई से बालेंदु भूषण पांडेय और एवरैन ग्लोबल सर्वे टीम के सदस्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन के महामंत्री शेषमणि तिवारी ने किया।
एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और संरक्षक, चरनजीत तलवार ने उद्घाटन पर अपनी बात रखी। एईईई के रिसर्व एसोसिएट की बालेंदु भूषण पांडेय ने सर्वेक्षण कार्य का परिचय दिया। कहा- लखनऊ के ईंट भट्ठों में और पर्यावरणीय प्रभावों पर सर्वेक्षण कार्य की शुरुआत की जा रही है। यह सर्वेक्षण कार्य भट्टा मालिकों को अनुकूलित तकनीकी समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से है। इससे ईंट भट्ठों की उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कृपलानी और सीतापुर के महामंत्री शैलेश जावरानी ने अपने विचार व्यक्त किए। दोनों नेताओं ने ईंट उद्योग की चुनौतियों और जिगजैग तकनीक के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ईंट निर्माता परिषद, वाराणसी के अध्यक्ष कमलकांत पांडेय रहे। उन्होंने कहा हमारे उद्योग को आधुनिक और ऊर्जा दक्ष बनाने के लिए जिगजैग तकनीक जैसी प्रणाली को अपनाना जरूरी है। इन तकनीकों से न केवल लागत में कमी ला सकते हैं बल्कि पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को भी कम कर सकते हैं।
एमएलसी पवन सिंह चौहान ने कहा, ईंट उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार इस उद्योग को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह और पर्यावरण फ्रेंडली बन सके।
प्रगति ग्रुप के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अगर हम ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देंगे तो न केवल हमारे उद्योग को लाभ होगा, बल्कि इससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। श्रवस्ती के अध्यक्ष रामसुंदर पांडेय ने धन्यवाद प्रस्तुत किया।










