नई पहल – पब्लिक खुश रहेगी तो थानेदार और एसीपी की कुर्सी बची रहेगी

  • मासिक फीडबैक के आधार पर थानेदारों और एसीपी का मूल्यांकन…
  • खाकी वर्दी को जनता के साथ मित्रवत बनने का गुरुमंत्र
  • माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सर्वोच्च प्राथमिकता
  • महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ बेहूदगी स्वीकार नहीं
  • थाना-चौकी के अंदर बैठकर पुलिसिंग का वक्त गुजर गया
  • धर्मगुरुओं और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना भी जरूरी
    भास्कर ब्यूरो
    कानपुर। कुर्सी संभालने के सात दिन बाद पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल का सख्त मिजाज और नरम स्वभाव का कॉकटेल नजर आया। मातहतों के साथ कानून-व्यवस्था और जन-सरोकार से जुड़े महकमों के मुखिया के साथ मैराथन मीटिंग में जनजुड़ाव वाली पुलिसिंग का श्रीगणेश किया गया। तय किया गया कि, किसी भी हालत में थाने में फरियादी के साथ अमर्यादित व्यवहार नहीं होना चाहिए। थाना-चौकी से बाहर निकलकर पब्लिक के बीच खाकी वर्दी की सक्रियता अनिवार्य होगी। माफियाओं और अपराधियों से कोई मुरव्वत नहीं होगी, लेकिन बच्चे-बूढ़ों और महिलाओं के साथ-साथ कमजोर वर्ग और धर्मगुरुओं और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना जरूरी होगा। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि, सिर्फ और सिर्फ जनता के फीडबैक पर थानेदार और क्षेत्राधिकार सुरक्षित होगा। आईजीआरएस रैंकिंग, सीएम डैशबोर्ड में थानों का प्रदर्शन, महिलाओं के प्रति अपराध में कार्रवाई, संगठित अपराध के खिलाफ एक्शन जैसे तमाम बिंदुओं पर मासिक रिपोर्ट के आधार पर थानेदारी के साथ-साथ एसीपी की कुर्सी का भविष्य तय होगा।

घूसखोरी और भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं
पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने पहली मैराथन मीटिंग में थाने-चौकी के अंदर बैठकर पुलिसिंग के बजाय जनता के बीच नजर आने वाली पुलिस पर जोर दिया। उन्होंने सख्त लहजे में कहाकि, आरामतलबी अब नहीं चलेगी। सीपी ने तय किया कि, थानेदारों और एसीपी के लिए मासिक मूल्यांकन प्रणाली को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। इस प्रणाली में सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शन और आईजीआरएस रैंकिंग के साथ शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के साथ संगठित अपराध और माफियाओं के खिलाफ थानास्तर से कार्रवाई का मूल्यांकन का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहाकि, किसी भी थाने के बारे में घूसखोरी और भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त सजा तय है। इसके साथ ही क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता के साथ-साथ जनता के साथ व्यवहार ही थानेदार, चौकी प्रभारियों के साथ एसीपी के भविष्य को तय करेगा। मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला अपराधों में त्वरित कार्रवाई और गोकशी के खिलाफ एक्शन भी मासिक मूल्यांकन का ग्राफ तय करेगा। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि, प्रत्येक महीने के अंत में मासिक मूल्यांकन लिस्ट में सबसे निचले पायदान पर रहने वाले तीन-चार थानेदारों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई तय़ है।

जनता की इज्जत और सेवा पर जोर
पुलिस कमिश्नर ने मातहतों को स्पष्ट किया कि, सिर्फ पुलिसिंग से काम नहीं चलेगा। समाज में 99 फीसदी लोग नेक और ईमानदार हैं। ऐसे लोगों के प्रति पुलिस को संवेदनशीलता के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना होगा। उन्होंने कहाकि, पुलिस केवल अपराध नियंत्रण के लिए नहीं है, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण सेवाभाव के लिए प्रतिबद्ध है। पुलिस कमिश्नर ने कहाकि, अवैध शराब, अवैध खनन और परिंदों के अवैध कारोबार पर निगरानी के साथ सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करना होगा। आरपीएफ और जीआरपी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के दरमियान सीपी ने कहाकि, अवैध वेंडर और अवैध ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ पटरियों के किनारे अपराध को रोकने के लिए थाना-पुलिस के साथ समन्वय को मजबूत किया जाए। जनता के बीच पुलिस की छवि को निखारने के लिए वक्त-वक्त पर विशेष अभियान के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम और आपात स्थितियों में सक्रिय-प्रभावी योगदान पर चर्चा हुई। बैठक में आबकारी विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग के साथ जेल, खनन, मेट्रो के अधिकारी मौजूद थे।

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