
नई टोयोटा फॉर्च्यूनर को रियर-व्हील ड्राइव (RWD) और 4X4 ड्राइवट्रेन दोनों विकल्पों में उपलब्ध किया जाएगा। इसमें माइल्ड हाइब्रिड पावरट्रेन को 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ जोड़ा जाएगा। भारत में टोयोटा की सबसे ज्यादा बिकने वाली फुल-साइज एसयूवी, टोयोटा फॉर्च्यूनर को अब एक जनरेशनल अपडेट मिलेगा। हालांकि इसका आधिकारिक डेब्यू और लॉन्च डेट अभी तक घोषित नहीं हुई है, लेकिन अनुमान है कि नया मॉडल 2024 के अंत तक ग्लोबल लेवल पर लॉन्च होगा, जबकि भारत में इसकी लॉन्चिंग 2025 की शुरुआत में हो सकती है। इस नए अपडेट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
नया प्लेटफार्म होगा इस्तेमाल:
मौजूदा मॉडल (जो IMV प्लेटफार्म पर आधारित है) के बजाय, नई टोयोटा फॉर्च्यूनर अब TNGA-F आर्किटेक्चर पर आधारित होगी। यह प्लेटफार्म नए टैकोमा पिकअप ट्रक, लैंड क्रूजर 300 एसयूवी, और लेक्सस LX500d में भी इस्तेमाल किया गया है। TNGA-F प्लेटफार्म हाइब्रिड और इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) सहित विभिन्न बॉडी स्टाइल और इंजन विकल्पों को सपोर्ट करता है।
पावरट्रेन और माइलेज:
टोयोटा ने हाल ही में माइल्ड हाइब्रिड तकनीक के साथ एक नया फॉर्च्यूनर वेरिएंट पेश किया है। इस वेरिएंट में 2.8-लीटर डीजल इंजन, 48V सेटअप और इलेक्ट्रिक मोटर जनरेटर दिया गया है, जो 201bhp की अधिकतम पावर और 500Nm का टॉर्क उत्पन्न करता है। माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम के कारण, पावर आउटपुट में 16bhp तक और टॉर्क में 42Nm तक का इजाफा होता है। हालांकि, इसका असर एसयूवी की ऑफ-रोड और टोइंग क्षमता पर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के कारण इसकी ओवरऑल परफॉर्मेंस में सुधार होने की संभावना है।
नई फॉर्च्यूनर दोनों RWD और 4X4 ड्राइवट्रेन विकल्पों में उपलब्ध होगी। 4X4 सेटअप वाले 2.8-लीटर डीजल इंजन से 12.65 kmpl का माइलेज मिलने की संभावना है, जबकि माइल्ड हाइब्रिड इंजन से 13.15 kmpl तक का माइलेज मिलने का दावा किया गया है।
बेहतर सुरक्षा फीचर्स:
नई टोयोटा फॉर्च्यूनर में टोयोटा सेफ्टी सूट के तहत ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) तकनीक को जोड़ा जाएगा। इसमें लेन ट्रेसिंग असिस्ट, लेन डिपार्चर अलर्ट, प्री-कोलिजन सिस्टम, डायनेमिक रडार क्रूज कंट्रोल, ऑटोमैटिक हाई बीम, रोड साइन असिस्ट और प्रोएक्टिव ड्राइविंग असिस्ट जैसे फीचर्स शामिल होंगे। इसके साथ ही, वाहन की स्थिरता को बनाए रखने के लिए व्हीकल स्टेबिलिटी कंट्रोल सिस्टम भी मिलेगा, जो स्किडिंग और रोलओवर के जोखिम को कम करने में मदद करेगा। बेहतर कंट्रोल और एफिशिएंसी के लिए हाइड्रोलिक स्टीयरिंग सिस्टम को इलेक्ट्रिक पावर असिस्टेड यूनिट से बदल दिया जाएगा।















